प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों से 'सहकारी संघवाद की भावना से' ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को कम करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्रियों के साथ एक वर्चुअल बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि कैसे देश ने सहकारी संघवाद की भावना के साथ कोविड के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी।
Published: 27 Apr 2022, 5:03 PM IST
उन्होंने कहा, "दुनिया में चल रहे युद्ध जैसी स्थिति जैसे वैश्विक मुद्दों के प्रभाव को देखते हुए आर्थिक मुद्दों के लिए भी ऐसा ही किया जाना चाहिए।"
"मैं आपको एक छोटा सा उदाहरण देता हूं। नागरिकों पर बोझ कम करने के लिए केंद्र ने पिछले नवंबर में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम किया। हमने राज्यों से अपने करों को कम करने और लोगों को लाभ हस्तांतरित करने का भी अनुरोध किया। कुछ ने करों को कम किया, लेकिन कुछ राज्यों ने इसका लोगों को कोई लाभ नहीं दिया।"
Published: 27 Apr 2022, 5:03 PM IST
"इसके चलते इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार ऊंचे बने हुए हैं। एक तरह से यह ना सिर्फ इन राज्यों के लोगों के साथ अन्याय है, बल्कि इसका असर पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ रहा है।"
पीएम के इस बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने जोरदार हमला बोला है। टीएमसी ने इसे ओछी राजनीति करार दिया है।
Published: 27 Apr 2022, 5:03 PM IST
उन राज्यों को सूचीबद्ध करते हुए जिन्होंने भारी वृद्धि के दौरान ईंधन पर वैट कम नहीं किया, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मैं किसी की आलोचना नहीं कर रहा हूं, सिर्फ चर्चा कर रहा हूं।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि जिन राज्यों ने अपने कर कम किए हैं, उन्हें राजस्व में नुकसान होगा, लेकिन कई राज्यों ने वैसे भी 'सकारात्मक कदम' उठाया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 27 Apr 2022, 5:03 PM IST
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Published: 27 Apr 2022, 5:03 PM IST