पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने रविवार को गांवों और शहरों के 'लाल लकीर' के भीतर घरों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने के लिए 'मेरा घर मेरे नाम' योजना की शुरुआत की। गुरदासपुर जिले के दीनानगर में राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और राजस्व मंत्री अरुणा चौधरी के साथ कहा कि यह योजना लोगों, विशेषकर जरूरतमंद और वंचितों को बहुत आवश्यक सहायता देगी।
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उन्होंने कहा कि पहले यह योजना केवल गांवों के निवासियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब इसे लाल लकीर के भीतर शहरों के पात्र निवासियों तक पहुंचाया जा रहा है।
चन्नी ने कहा कि राजस्व विभाग को डिजिटल मैपिंग के लिए ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों का ड्रोन सर्वेक्षण करने के लिए अनिवार्य किया गया है, और बाद में, सभी पात्र निवासियों को उचित पहचान या सत्यापन के बाद उन्हें मालिकाना अधिकार प्रदान करने के लिए समयबद्ध तरीके से संपत्ति कार्ड दिए जाएंगे।
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उन्होंने कहा कि इससे पहले, लाभार्थियों को अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाएगा और यदि उनसे कोई जवाब नहीं मिलता है, तो संपत्ति कार्ड जारी किया जाएगा जो रजिस्ट्री के उद्देश्य की पूर्ति करेगा जिसके खिलाफ वे बैंक या अपनी संपत्ति गिरवी रखकर ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
चन्नी ने कहा कि पुराने इलाकों में कई पीढ़ियों से घरों में रहने वाले लोगों को भी इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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