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किसानों के नाम राहुल गांधी का संदेश- जो सत्याग्रह आपने जीता, उसकी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में नहीं

राहुल गांधी ने किसानों के नाम अपने संदेश में कहा है कि मेरे प्यारे अन्नदाताओं, आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई। मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मजदूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

मेरे प्यारे अन्नदाताओं,

आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई। पौने बारह महीने से ठिठुरती ठंड, भीषण गर्मी, बरसात, तमाम परेशानियों व जुल्मों के बावजूद तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को खत्म कराने का जो सत्याग्रह आपने जीता है, उसकी दूसरी मिसाल आजाद भारत के इतिहास में नहीं मिलती। मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मज़दूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूँ।

एक तानाशाह शासक के अहंकार से लड़ते हुए जिस गांधीवादी तरीके से आपने उन्हें फैसला वापस लेने को मजबूर किया, यह असत्य पर सत्य की विजय का एक बेजोड़ उदाहरण है।

आज के इस ऐतिहासिक दिन हम उन शहीद किसान-मज़दूर भाई-बहनों को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी जान का बलिदान देकर इस सत्याग्रह को मजबूत किया। काश, ये नौबत ही न आती, अगर केंद्र सरकार ने शुरू ही में किसानों की मांगों पर ध्यान दिया होता।

साथियों, संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। कृषि उपज का लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिले, विवादास्पद बिजली संशोधन कानून खत्म हो, खेती की जोत में इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ पर लगाए गए टैक्स का बोझ घटे, डीज़ल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि कम हो तथा खेत-मज़दूर पर कमरतोड़ कर्ज के बोझ का हल निकालना खेतिहर किसान के संघर्ष के गंभीर विषय हैं। मैं आप सबको भरोसा दिलाता हूँ कि मौजूदा आंदोलन की ही भांति भविष्य में भी आपके सभी जायज संघर्षों में मैं और कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपकी आवाज को बुलंद करेंगे।

मैं प्रधानमंत्री से मांग करता हूँ कि किसान अपना फ़ायदा और नुकसान सबसे बेहतर समझता है। चंद पूंजीपतियों के हाथ में खेलकर किसान को अपने ही खेत खलिहान में गुलाम बनाने की साजिश कर व उसे सही साबित करने का दोबारा दुस्साहस न करें।

बल्कि प्रधानमंत्री को अपने वादे के मुताबिक साल 2022 तक किसान की दोगुनी आय सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए उन्हें जल्दी से जल्दी भविष्य की योजनाओं का रोडमैप भी जारी करना चाहिए। प्रधानमंत्री जी, मत भूलें कि सत्ता सेवा का माध्यम है, लूट-खसोट, जि़द और अहंकार का किसी प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली में कोई स्थान नहीं है।

एक बार फिर मैं अपने किसान-मज़दूर भाई-बहनों को इस ऐतिहासिक जीत पर हृदय की गहराइयों से बधाई देता हूँ!

आपका ही,

राहुल गांधी

Published: 19 Nov 2021, 7:38 PM IST

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Published: 19 Nov 2021, 7:38 PM IST