
शिक्षा मंत्रालय ने ‘नीट-यूजी’ मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कृपांक पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की पुन: जांच करने के लिए एक समिति गठित की है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
आरोप लग रहे हैं कि अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाए गए हैं जिससे परीक्षा में 67 अभ्यर्थियों ने पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। इसके बाद यह कदम उठाया गया है।
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एनटीए के महानिदेशक सुबोध सिंह ने बताया, “यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति एक हफ्ते में अपनी सिफारिश देगी और इन अभ्यर्थियों के परिणाम संशोधित किए जा सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “कृपांक दिए जाने से परीक्षा के योग्यता मानदंड पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और प्रभावित अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा से प्रवेश प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”
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राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि अंकों को बढ़ाया गया है जिस वजह से 67 अभ्यर्थियों को पहला स्थान मिला है और इनमें से पांच एक ही केंद्र के हैं।
एनटीए ने किसी भी अनियमितता का खंडन करते हुए कहा है कि एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों में बदलाव तथा परीक्षा केंद्र में समय खराब के लिए दिए गए कृपांक विद्यार्थियों के अधिक अंक आने की वजह हैं।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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