देश

मेहनत, ईमानदारी और समाजसेवा के मार्ग पर चलते हुए फर्श से अर्श तक का सफर करने वाले भारतीय की कहानी है ‘रिजवान’

रिजवान के जीवन में ऐसे मोड़ भी आए जब अपना सबकुछ खोकर उन्हें फिर से शून्य से शुरुआत करनी पड़ी। रिजवान कहते हैं कि उनके जीवन में जब भी कुछ नकारात्मक होता है वह उन्हें हमेशा किसी फाएदे की ओर ले जाता है। 35 सालों से वे अफ्रीका में रहकर अपना बिजनेस बढ़ा रहे हैं।

फोटो: विपिन
फोटो: विपिन 

आंखों में हजारों सपने और दिल में ख्वाहिशें लिए ना जाने कितने लोग देश से बाहर कुछ अच्छा करने की उम्मीद लिए जाते हैं। सफलता मिलने के बाद कुछ लोग वहीं के बनके रह जाते हैं और कुछ ऐसे होते हैं कि सालों तक विदेश में रहने के बावजूद भी उनका दिल अपने देश में ही रहता है। ‘रिजवान’ एक ऐसे ही भारतीय की कहानी है जिसने बचपन से ही इमानदारी और समाजसेवा को प्राथमिकता देते हुए कुछ बड़ा करने की सोच के साथ फर्श से अर्श तक का सफर तय किया।

Published: undefined

फोटो: विपिन

कामयाबी हासिल करने के लिए पढ़ाई लिखाई बेहद जरूरी है, लेकिन अगर आपके अंदर सकारात्मक सोच और दूसरों का भला करने का इरादा नहीं है तो सारी पढ़ाई सभी किताबी ज्ञान व्यर्थ हैं। 7 बहन भाइयों में सबसे छोटे रिजवान अपने पिता के कंधों का बोझ हल्का करने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए पोरबंदर से अफ्रीका के कोंगो देश आगये, जहां अपने भाई के ग्रॉसरी स्टोर में उनके सहायक के रूप में काम करने लगे। उन दिनों अफ्रीका के कुछ देशों में हालात बेहद खराब थे। सैनिकों को तीन महीने का वेतन नहीं दिया गया था। जिसके चलते वहां विद्रोह हो गया और दंगों में रिजवन के भाई की दुकान और उनके गौदाम लूट लिए गए।

Published: undefined

फोटो: विपिन

इसके बावजूद भी रिजवान और उनके भाई ने हिम्मत नहीं हारी और माहौल शांत हो जाने के बाद एक बार फिर अपनी मेहनत और लगन से अपने कारोबार को शुरू किया। देखते ही देखते रिजवान का वर्चस्व कोंगो में बढ़ता गया। जहां बाकी स्टोर वाले अपने माल को 100 फीसदी प्रॉफिट पर बेचते थे, वहीं रिजवान के स्टोर में वही सामान 30 फीसदी मुनाफे पर बेचा जाता था। इसी वजह से उनके स्टोर में ग्राहकों की भीड़ बढ़ती गई और देखते ही देखते रिजवान ने अफ्रीका के बाकी कई शहरों में भी अपने बिजनेस का विस्तार किया।

Published: undefined

फोटो: विपिन

रिजवान की इमानदारी देखते हुए वहां के बड़े व्यापारी उन्हें बिना किसी शर्त के उधारी पर माल देने को तैयार रहते थे। कई बार रिजवान के जीवन में ऐसे मोड़ भी आए जब अपना सबकुछ खोकर उन्हें फिर से शून्य से शुरुआत करनी पड़ी। रिजवान कहते हैं कि उनके जीवन में जो भी कुछ नकारात्मक होता है वह उन्हें हमेशा किसी फाएदे की ओर ले जाता है। पिछले 35 सालों से रिजवान अफ्रीका में रह कर अपने बिजनेस को लगातार बढ़ा रहे हैं।

Published: undefined

फोटो: विपिन

लेकिन इन 35 सालों में वे हर महीने अपने देश भारत जरूर आते है। वर्तमान में रिजवान की संस्था ‘रिजवान अड़ातिया फाउंडेशन’ कई देशों में सक्रीय रह कर स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं विकास और कई तरह की समाजसेवा से जुड़े कार्यों के लिए अपना पूरा योगदान दे रही है। वर्तमान समय में ‘रिजवान अड़ातिया फाउंडेशन’ इंडिया, मोजांबिक और डीआर कोंगो समेत एशिया और अफ्रीका के 7 देशों में 80 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर कम कर रही है।

Published: undefined

फोटो: विपिन

इमानदारी और लगन से खड़ा किया इतना बड़ा साम्राज्य

रिजवान बताते हैं कि उनके जीवन में इमानदारी और लगन ने उन्हें आज इतने बड़े मुकाम पर लाकर खड़ा किया है। 14 साल की उम्र से ही सुबह 3 बजे उठकर मेडिटेशन करना और कुरआन समेत बाकि धर्मों के ग्रंथों की अच्छी बातों को अपने जीवन में उतरना उन्होंने अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाया और पिछले 35 सालों से निरंतर वे इस रूटीन को फोलो करते आरहे हैं।

Published: undefined

फोटो: विपिन

रिजवान के मुताबिक उनके जीवन में टर्निंग पॉइंट तब आया जब उन्होंने अपनी पहली पगार (तनख्वाह) एक गरीब बुजुर्ग के बेटे की दवाई पर खर्च कर दी। अपने जीवन में रिजवान ने कई बार लोगों के डूबते व्यापार को फिर से खड़ा करने में भी मदद की। रिजवान ने कहा, ‘पिछले 35 सालों में कोई भी एक दिन ऐसा नहीं रहा होगा खुदा मेरा गवाह है, मेरा अल्लाह मेरे साथ है एक दिन भी ऐसा नहीं गया होगा जहां मैंने लोगों की सेवा नहीं की हो।”

Published: undefined

फोटो: विपिन

3500 कर्मचारियों के साथ 9 अफ्रीकी देशों में सक्रीय है रिजवान का COGEF समूह

मौजूदा समय में ‘रिजवान अड़ातिया फाउंडेशन’ के संस्थापक के अलावा रिजवान COGEF समूह के मालिक भी हैं। 9 अफ्रीकी देशों में COGEF समूह के 35 कैश एंड कैरी सुपर मार्केट्स, 190 से भी ज्यादा रिटेल होल सेल और 4 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स हैं, जिनमें करीब 3500 लोग काम कर रहे हैं। अफ्रीका के मोजांबिक में COGEF समूह का हेड क्वार्टर स्थित है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined