देश

कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक, रिसर्च में खुलासा

प्री-स्कूल के बच्चों में अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक 5.6 प्रतिशत एंटीबॉडी फ्रीक्वेंसी दर्ज की गई थी। वहीं स्कूली बच्चे, जिनका नवंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच परीक्षण किया गया, उनमें यह आंकड़ा 8.4 प्रतिशत देखने को मिला।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

जर्मनी में प्री-स्कूल और स्कूली बच्चे कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान पीसीआर परीक्षण में तीन से चार गुना अधिक संक्रमित पाए गए हैं। एक हालिया स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। प्री-स्कूल के बच्चों में अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक 5.6 प्रतिशत एंटीबॉडी फ्रीक्वेंसी दर्ज की गई थी। वहीं स्कूली बच्चे, जिनका नवंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच परीक्षण किया गया, उनमें यह आंकड़ा 8.4 प्रतिशत देखने को मिला।

Published: undefined

जर्नल मेड में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि कुल मिलाकर दूसरी लहर (जनवरी और फरवरी 2021) के अंत में एंटीबॉडी फ्रीक्वेंसी पहली लहर (अप्रैल से जुलाई 2020) के अंत की तुलना में लगभग आठ गुना अधिक रही।

हेल्महोल्ट्ज जेंट्रम मुनचेन, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल हेल्थ, म्यूनिख-न्यूरहैबर्ग, जर्मनी से एनेट-गैब्रिएल जिगलर ने कहा, "बच्चों में अक्सर वयस्कों की तुलना में संक्रमित होने की संभावना कम ही मानी जाता है। हालांकि, इस धारणा को लेकर डेटा भिन्न है। हमारे अध्ययन के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि प्री-स्कूल और स्कूली दोनों बच्चे सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं।"

उन्होंने कहा कि इस जनसंख्या समूह में संक्रमण को बेहतर नियंत्रण के लिए स्कूलों और अन्य जगहों पर वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय सहायक हो सकते हैं।

Published: undefined

दूसरी लहर में पॉजिटिव पाए जाने वाले 446 बच्चों में, लक्षणों के बिना एंटीबॉडी-पॉजिटिव बच्चों का अनुपात प्री-स्कूलर्स में 68 प्रतिशत दर्ज किया गया। वहीं, प्री-स्कूल के बाद सामान्य कक्षा के साथ स्कूल जाने वाले बच्चों में यह 51.2 प्रतिशत दर्ज किया गया।

बच्चे टाइप-1 डायबिटीज के शुरुआती चरण की पहचान करने के लिए बावरिया में जिगलर की अगुवाई में स्क्रीनिंग स्टडी एफआर1एडीए का हिस्सा थे। स्टडी के दौरान बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज और कोविड-19 के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया।

वसंत 2020 में जर्मनी में पहली लहर के दौरान, टीम ने अध्ययन में हिस्सा लेने वाले बच्चों में एक सार्स-सीओवी-2 एंटीबॉडी 0.87 प्रतिशत पाया था। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका मतलब यह है कि बावरिया में छह गुना अधिक बच्चे पीसीआर परीक्षणों में कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined

  • मायावती की पार्टी पर बरसे पूर्व सांसद धनंजय सिंह, बोले- बीएसपी ने पत्नी का टिकट काटकर मुझे बेइज्जत करने की साज़िश की

  • ,
  • बड़ी खबर LIVE: दिल्ली के तिलक नगर इलाके में ताबड़तोड़ फायरिंग, कुछ लोगों को चोटें आईं, मचा हड़कंप

  • ,
  • लोकसभा चुनावः BSP ने बस्ती में आखिरी क्षणों में बदला उम्मीदवार, दयाशंकर मिश्र की जगह लवकुश पटेल ने किया नामांकन

  • ,
  • लोकसभा चुनाव 2024: तीसरे चरण में 93 सीटों पर कल मतदान, कई केंद्रीय मंत्रियों की 'अग्निपरीक्षा'

  • ,
  • दुनियाः सुनीता विलियम्स कल तीसरी बार अंतरिक्ष के लिए भरेंगी उड़ान और यूक्रेन में रूसी हवाई हमलों से बिजली गुल