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बीजेपी को बड़ा झटका देने की तैयारी में यह पार्टी, कहा- नहीं चाह‍िए तानाशाही चलाने वाला साथी

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी AIADMK ने सोमवार को कहा कि उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में ऐसे सहयोगी की जरुरत नहीं है अगर वो तानाशाही करने जा रही है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

लगता है भारतीय जनता पार्टी के सहोयगी दलों को बीजेपी का रवैया पसंद नहीं आ रहा है। एक-एक कर कई दल एनडीए से बाहर जा रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में जहां लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए का साथ छोड़ अलग चुनाव लड़ा, वहीं पंजाब में अकाली दल से वर्षों पुराना उनका रिश्ता खत्म हो गया। हरियाणा में भी नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर जेजेपी और बीजेपी में अनबन की खबरें हैं। महाराष्ट्र में भी बीजेपी के सबसे पुराने साथी रही शिवसेना ने हाथ छोड़ दिया। इस बीच एनडीए की एक और सहयोगी दल AIADMK ने बीजेपी को कड़ा संदेश दिया है।

Published: 28 Dec 2020, 5:00 PM IST

जनसत्ता की खबर के मुताबिक तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी AIADMK ने सोमवार को कहा कि उसे राष्ट्रीय पार्टी के रूप में ऐसे सहयोगी की जरुरत नहीं है अगर वो तानाशाही करने जा रही है। पार्टी ने कहा कि ऐसी स्थिति में वो गठबंधन की दूसरी पारी में शामिल नहीं होंगे। दरअसल अनबन की शुरुआत वर्तामन मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को एक बार फिर से सीएम के उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर हुई। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पलानीस्वामी के बतौर सीएम उम्मीदवार होने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद पार्टी ने रविवार को फिर दोहाराया कि अगले विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी AIADMK का चेहरा होंगे।

Published: 28 Dec 2020, 5:00 PM IST

सांसद और तमिलनाडु चुनाव में डिप्टी कोऑर्डिनेटर केपी मुनुसामी ने रविवार को कहा कि चुनाव में AIADMK गठबंधन का नेतृत्व करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘अगर कोई राष्ट्रीय पार्टी तानाशाही चलानी चाहती है तो उनका गठबंधन में हिस्सा ना बनने के लिए स्वागत है।’ बता दें कि तमिलनाडु में 2021 के अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। बीजेपी तमिलनाडु में अपना कद बड़ा करने में लगी है। फिलहाल तमिलनाडु में बीजेपी ने कोई चुनाव नहीं जीता है। वहां उसका कोई विधायक या सांसद नहीं है। इधर पिछले नौ सालों से सत्ता में रहने के चलते सत्तारूढ़ AIADMK को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ा है। पिछले साल पार्टी ने लोकसभा चुनाव बीजेपी संग गठबंधन में लड़ा थी।

Published: 28 Dec 2020, 5:00 PM IST

पार्टी ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि सहयोगी बीजेपी को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने पर भगवा दल को सरकार में शामिल नहीं किया जा सकता। पार्टी ने कहा कि बीजेपी तमिलनाडु की द्रविड़ भूमि में न कोई पहचान है और न आगे कोई पहचान बना सकती है। पार्टी ने अपनी पहली चुनावी रैली में संकेत दिया कि बीजेपी को चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए के पलानीस्वामी की उम्मीदवारी का समर्थन करने और सरकार में उसकी (बीजेपी) गैर-भागीदारी जैसी शर्तों को मानना चाहिए और यदि नहीं तो वह 2021 के अपने चुनावी विकल्पों पर दोबारा विचार कर ले।

Published: 28 Dec 2020, 5:00 PM IST

केपी मुनुसामी ने आगे कहा कि कुछ राष्ट्रीय दल, ‘अवसरवादी, विश्वासघाती और भीड़’ द्रविड़ संगठनों पर दोषारोपण कर रही है कि उन्होंने राज्य के 50 साल के शासन में तमिलनाडु को बर्बाद कर दिया। मुनुसामी ने हैरानी जताई कि अन्नाद्रमुक सरकार के खिलाफ अक्षमता का आरोप कैसे लगाया जा सकता है और वह भी तब जब केंद्र ने तमिलनाडु को कई क्षेत्रों में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए इतने पुरस्कार दिए हैं।

(एजेंसियों के इनपुट के साथ)

Published: 28 Dec 2020, 5:00 PM IST

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Published: 28 Dec 2020, 5:00 PM IST