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यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का शोध, ‘विश्व की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी थीं सीता जी’

त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री बिप्लब देव के बाद अब यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा अपने महाभारत और रामायण ज्ञान को लेकर सुर्खियों में हैं। शर्मा ने बयान दिया है कि रामायण काल में भी टेस्ट ट्यूब बेबी की अवधारणा थी और सीता जी का जन्म उसी से हुआ था।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा कहा कहना है कि सीता जी टेस्ट ट्यूब तकनीक से पैदा हुई थीं

बीजेपी नेताओं का रामायण और महाभारत को लेकर दिव्य ज्ञान अक्सर बाहर आ ही जाता है। त्रिपुरा के मुख्‍यमंत्री बिप्लब देव के बाद अब उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने रामायण को लेकर विवादित बयान दिया है। मथुरा में हिंदी पत्रकारिता दिवस के कार्यक्रम में अपने दिव्य ज्ञान का प्रदर्शन करते हुये उन्होंने कहा कि सीता जी का जन्म मिट्टी के घड़े से हुआ था, यानी उस समय भी टेस्ट ट्यूब से बच्चों के पैदा होने की तकनीक मौजूद थी।

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दिनेश शर्मा ने महाभारत पर ज्ञान देते हुए कहा कि आज टीवी पर लाइव टेलीकास्ट जो हो रहे हैं, उस पर मेरा मानना है कि महाभारत काल में ऐसी ही तकनीक थी, जब संजय ने धृतराष्ट्र के लिये महाभारत की लड़ाई का सजीव प्रसारण किया था।

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बात यहीं नहीं रुकी। उन्होंने नारद मुनी को दुनिया का पहला पत्रकार भी ठहरा दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता कोई आधुनिककाल से शुरू नहीं हुई थी, ये महाभारत काल से चली आ रही है। उन्होंने आगे कहा, “आपका गूगल तो अभी शुरू हुआ है, लेकिन हमारा गूगल बहुत पहले ही शुरू हो गया था। नारद मुनि ज्ञान के भंडार थे। वह तीन बार नारायण कह कर कहीं भी पहुंच सकते थे और किसी को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर संदेश पहुंचा सकते थे।” उन्होंने कहा कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन, प्लास्टिक सर्जरी, गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत, परमाणु परीक्षण और इंटरनेट जैसी तमाम आधुनिक प्रक्रियाएं पौराणिक काल में ही शुरू हो गई थीं।

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इससे पहले बीजेपी के कई नेता रामायण और महाभारत को लेकर विवादित बयान देकर पार्टी की कई बार फजीहत करा चुके हैं। 18 अप्रैल को त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब ने अगरतला में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि देश में महाभारत युग में भी तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध थीं, जिनमें इंटरनेट और सैटेलाइट भी शामिल थे। उन्होंने कहा था कि महाभारत के दौरान संजय ने हस्तिनापुर में बैठकर धृतराष्ट्र को बताया था कि कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध के दौरान क्या-क्या हो रहा है। इसका मतलब यह है कि उस समय भी इंटरनेट और सैटेलाइट जैसी तकनीकें मौजूद थीं।

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