झारखंड की सरकार भूमि राजस्व की वसूली की व्यवस्था में बदलाव की पहल कर रही है। जमीन से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए जहां सरकारी दफ्तरों में राइट टू सर्विस एक्ट लागू किया जाएगा, वहीं भूमि की लगान रसीद कटवाने के लिए बार कोड की व्यवस्था लागू की जाएगी।
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झारखंड सरकार के भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने इस नई प्रस्तावित व्यवस्था को लेकर गुरुवार को विभागीय सचिव और सभी प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ वर्चुअल रिव्यू मीटिंग की। उन्होंने कहा कि आम लोगों को जमीन से जुड़े मामलों में सहूलियत देने और सरकार को मिलने वाले राजस्व की वृद्धि में यह व्यवस्था मददगार साबित होगी। मंत्री बिरुआ ने कहा कि लोगों को अपनी ही जमीन की लगान रसीद कटवाने के लिए कर्मचारियों के कार्यालय से लेकर कचहरी का चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए अब बार कोड की व्यवस्था लागू होगी। इससे लोग मोबाइल से ही अपनी जमीन की लगान जमा कर रसीद प्राप्त कर सकेंगे।
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रिव्यू मीटिंग में पूर्वी सिंहभूम जिले की कंपनियों पर दो हजार करोड़ का राजस्व बकाया होने का मामला सामने आया। इसपर मंत्री ने तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकारी जमीनों के कब्जे मामले में भी सख्त कार्रवाई करने को कहा। मंत्री ने कहा कि सरकारी जमीनों पर जमाबंदी कायम है या नहीं, इसकी सूची तैयार की जाए। बैठक में खासमहल जमीन के रिन्यूअल कराने के सुझाव पर अमल करने, सैरात की वसूली को सुविधाजनक बनाने, नीलाम पत्र वाद के निष्पादन पर खास निर्देश देने, लंबित कोर्ट केस की नियमित समीक्षा कर उनका निष्पादन करने, अंचल कार्यालयों में निरीक्षण करने समेत राजस्व बढ़ाने जैसे अन्य मामलों में अफसरों को आवश्यक निर्देश दिए गए। वर्चुअल बैठक में विभागीय प्रधान सचिव चंद्रशेखर, विशेष सचिव शशिप्रकाश झा सहित पांचों प्रमंडलों के आयुक्त समेत अन्य अधिकारी पदाधिकारी मौजूद रहे।
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