आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में शनिवार को लाखों लोगों के सड़क पर उतरने के बाद बहुसंख्यक दलों के नेताओं ने आपात बैठक बुलाकर राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और पीएम रानिल विक्रमसिंघे से इस्तीफे की मांग करते हुए सर्वदलीय सरकार बनाने का फैसला लिया है। सरकार बनने तक संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धन अस्थायी रूप से राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेंगे। फैसले के फौरन बाद पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया।
Published: undefined
इससे पहले शनिवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कोलंबो में मार्च किया और राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास, उनके कार्यालय परिसर और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास टेंपल ट्री पर धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों के रुख को देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे कहीं गायब हो गए है। कहा जा रहा है कि वह देश छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर भाग गए हैं।
Published: undefined
इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने देश की संसद, पीएम विक्रमसिंघे के निजी आवास को घेर लिया। इस दौरान कोलंबो की सड़कों पर दिन भर प्रदर्शनकारियों औऱ सुरक्षा बलों में झड़प होती रही। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पानी की बौछार के साथ आंसू गैस के गोले भी दागे। इससे बात नहीं बनने पर कई जगह पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की। बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं।
Published: undefined
इन हालात के बाद बहुसंख्यक दलों के नेताओं ने श्रीलंका में मौजूदा राजनीतिक संकट को समाप्त करने के लिए आपात सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें पीएम रानिल विक्रमसिंघे भी मौजूद रहे। इसमें तय हुआ कि संसद के अध्यक्ष राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे और पीएम रानिल विक्रमसिंघे को अपने पदों से हटने के लिए कहेंगे, ताकि सर्वदलीय सरकार का रास्ता बनाया जा सके। पार्टी नेताओं ने सर्वदलीय सरकार बनने तक अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धन को अस्थायी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया।
Published: undefined
हालांकि, विक्रमसिंघे तुरंत पद छोड़ने के लिए सहमत नहीं हुए। उन्होंने मीडिया को बताया कि एक बार सर्वदलीय सरकार बनने के बाद वह इस्तीफा दे देंगे और संसद में बहुमत किसी भी समूह द्वारा साबित कर दिया जाएगा, जो सत्ता संभालना चाहता है। विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया कि द्वीप-व्यापी ईंधन वितरण की शुरूआत के कगार पर है। विश्व खाद्य कार्यक्रम निदेशक इस सप्ताह देश का दौरा करने वाले हैं और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के लिए ऋण स्थिरता रिपोर्ट को शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाना है।
Published: undefined
वहीं राष्ट्रपति राजपक्षे, (जिन्होंने शुक्रवार रात की घोषणा के बाद से लोगों से शांत रहने का आग्रह किया था, सार्वजनिक रूप से उपस्थित नहीं हुए) ने अब तक आधिकारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले उन्होंने विक्रमसिंघे के जरिए जानकारी दी थी कि पार्टी के नेता जो भी फैसला लेंगे, वह मान जाएंगे।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined