चीन ने इंटरनेट पर इस्लाम विरोधी शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। चीनी मीडिया के अनुसार इस्लाम के प्रति भेदभाव को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। अखबार के मुताबिक बुधवार से चीन के वेइबो साइट पर कई ऐसे शब्दों की सर्चिंग बंद है जिनका इस्तेमाल इंटरनेट पर भद्दी भाषा के आरोपों से बचने के लिए किया जाता था।
चीन द्वारा यह कदम पिछले दिनों एक टोल नाके पर मुसलमानों के साथ झगड़े का एक वीडियो वायरल होने के बाद उठाया गया है। इस घटना को लेकर लोगों ने तांगशान शहर के आधिकारिक वेइबो अकाउंट (चीन में लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट) पर शिकायतों की झड़ी लगा दी थी। उनका आरोप था कि सामाजिक स्थिरता के नाम पर सरकार मुसलमानों के साथ भेदभाव करती है।
चीन की कुल 1.39 अरब की आबादी में 2.1 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं। इनमें से ज्यादातर शिनजियांग प्रांत के उइगर और निंगशिया इलाके के हुई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। चीन में लगभग 70 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं। आधिकारिक तौर पर चीन किसी धर्म को नहीं मानता, लेकिन नागरिकों के धार्मिक अधिकारों की हिफाजत की बात करता है।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में अपने साथ हो रहे भेदभाव को लेकर वहां के मुसलमानों का असंतोष हाल के वर्षों में काफी खुलकर सामने आया है। हालांकि वहां के कई इंटरनेट यूजर इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह कदम मुसलमानों के तुष्टीकरण की नीति के तहत उठाया गया है। चीन में ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल साइट और गूगल जैसे सर्च इंजन पर पाबंदी है।
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