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काले-गोरे की लड़ाई में पुलिस विभाग भंग करने की उठी मांग, अमेरिकी शहर के नेताओं ने की नए तंत्र की वकालत

अमेरिका के मिनियापोलिस शहर के काउंसिलरों ने पुलिस विभाग को भंग करने की मांग की है। इसी शहर में पुलिस हिरासत में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका और उसके बाहर कई देशों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

अमेरिकी के मिनियापोलिस शहर में बीते 25 मई को पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने निहत्थे अश्वेत नागरिक फ्लॉयड का गला अपने घुटने से करीब 9 मिनट तक दबाए रखा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। चाउविन पर सेंकेंड डिग्री हत्या का आरोप लगाया गया है और आज ही उन्हें अमेरिकी अदालत में पेश किया जाना है।

इस बीच मिनियापोलिस शहर की काउंसिल की अध्यक्ष लीसा बेंडर ने न्यूज चैनल सीएनएन से बातचीत में कहा, "हम मिनियापोलिस शहर में पुलिस प्रशासन को भंग करने और शहर में सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक नया तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हमारे समुदाय को सुरक्षित रख सके।"

Published: 08 Jun 2020, 11:34 PM IST

पुलिस विभाग को भंग करने पर बहस

हालांकि, मिनियापोलिस के मेयर जैकब फ्रे इसके विपरीत पुलिस विभाग को भंग करने के पक्ष में नहीं हैं। इसके लिए जैकब फ्रे को ‘डिफंड द पुलिस’ (पुलिस का फंड खत्म करो) रैली के दौरान शर्मिंदा किया गया और उन्हें रैली से बाहर जाने के लिए कहा गया। इसके एक दिन बाद ही ज्यादातर काउंसिलर पुलिस विभाग को भंग करने की मांग पर प्रतिबद्ध हो गए हैं। फ्रे ने बाद में कहा कि वह "संरचनात्मक रंगभेदी तंत्र को पलटने के लिए बड़े संरचनागत सुधार" का समर्थन करते हैं, लेकिन पूरे पुलिस विभाग को भंग करने का नहीं।”

Published: 08 Jun 2020, 11:34 PM IST

अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड पर पुलिस कार्रवाई का वीडियो वायरल होने के बाद बीते दो हफ्तों से अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई, मिनियापोलिस में तो एक पुलिस स्टेशन को जला दिया गया और कुछ दुकानों में लूटपाट भी हुई। हालांकि, मोटे तौर पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहे हैं। कई जगहों पर पुलिसकर्मी भी प्रदर्शनकारियों का साथ देने के लिए अपने घुटनों पर बैठ गए।

Published: 08 Jun 2020, 11:34 PM IST

नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन का समर्थन

रविवार को वॉशिंगटन, न्यू यॉर्क और फ्लोरिडा में विरोध प्रदर्शनों का रुख पुलिस में व्यापक सुधारों और सामाजिक न्याय की तरफ मुड़ गया। यह मामला अब राष्ट्रीय राजनीति में भी उभर आया है। कई जगहों पर डेमोक्रेटिक नेता भी सड़कों पर उतरे हैं। इस दौरान कई शहरों में रिपब्लिकन नेता भी प्रदर्शन करने वालों के साथ नजर आए हैं।

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग की बात कर रहे हैं, जिसकी आलोचना भी हो रही है। ट्रंप ने तो प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सेना बुलाने तक की बात कही है। हालांकि, इस बीच ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स की टुकड़ियों को राजधानी वाशिंगटन से हटाने के आदेश दे दिए हैं। ट्रंप प्रशासन ने पुलिस व्यवस्था में किसी खास सुधार या बदलाव का अब तक कोई वादा नहीं किया है। वैसे वो आज कानून के पालन पर एक गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी करने वाले हैं।

Published: 08 Jun 2020, 11:34 PM IST

इस बीच अगले चुनाव में उनके प्रबल प्रतिद्वंद्वी माने जा रहे जो बाइडेन ह्यूस्टन में फ्लॉयड के परिवार से मिलने जा रहे हैं। आज ह्यूस्टन में फ्लॉयड का ताबूत आम जनता के दर्शन के लिए रखा जाना है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए यह एक बड़ा मुद्दा साबित होगा। डेमोक्रैटिक पार्टी ने भी देश में बड़े पैमाने पर पुलिस सुधारों का प्रस्ताव रखा है। इनमें पुलिस को मिलने वाले विशेषाधिकारों को खत्म करना, अत्यधिक बल प्रयोग की घटनाओं का डाटाबेस बनाना और दम घोंटने जैसे कदमों पर प्रतिबंध लगाने की बात है।

इस बीच इस घटना के विरोध में अमेरिका के बाहर भी विरोध प्रदर्शन होने लगे हैं। कई यूरोपीय देशों में इस सप्ताहांत लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए जमा हुए। जर्मनी के बर्लिन और बॉन के अलावा फ्रांस में पेरिस, स्पेन में बार्सिलोना और यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शन करने वाले न सिर्फ अमेरिका बल्कि अपने देशों में भी रंगभेद के खिलाफ नारे बुलंद कर रहे थे।

Published: 08 Jun 2020, 11:34 PM IST

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Published: 08 Jun 2020, 11:34 PM IST