दुनिया

इमरान को सरेआम फांसी देने की मांग, चीफ जस्टिस को हटाने की तैयारी, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के बाहर विरोध-प्रदर्शन

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इमरान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दे देनी चाहिए।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान  फोटोः सोशल मीडिया

पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट और शहबाज सरकार के बीच तना तनी बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इमरान विरोधी राजनीतिक दल एकजुट हो गए हैं और सुप्रीम कोर्ट पर हमले तेज कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के बाहर सत्ताधारी दलों का प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। इसी बीच पाक संसद में इमरान खान को फांसी दिए जाने की मांग भी उठ रही है।

नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज अहमद खान ने इमरान खान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि इमरान को सार्वजनिक तौर पर फांसी दे देनी चाहिए। लेकिन इसके बजाए कोर्ट उनका ऐसे स्वागत कर रही है, जैसे वह उनके दामाद हों।

Published: undefined

वहीं इमरान खान को रिहा करने वाले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल पर भी सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि सीजेपी बंदियाल ने इमरान खान को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था, जिसके बाद इमरान को जमानत मिल गई थी। इसके बाद से पाकिस्तान सरकार खुलकर बंदियाल के विरोध में उतर आई है। सरकार ने उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया। साथ ही नेशनल असेंबली ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ संदर्भ तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति के गठन की मांग की गई है।

Published: undefined

उधर, पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) इमरान खान को राहत प्रदान करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के बार विरोध-प्रदर्शन कर रही है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया। इससे पहले काफिले की शक्ल में निकले पीडीएम कार्यकर्ताओं ने अपने दलों के झंडे लिए मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ और पाकिस्तानी सेना के पक्ष में नारे लगाए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) रावलपिंडी का पहला काफिला सुबह कमेटी चौक पहुंचा। एक दिन पहले, जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजल-उर-रहमान, जो सत्तारूढ़ गठबंधन पीडीएम के प्रमुख भी हैं, ने पूरे देश से सोमवार को शीर्ष अदालत के बाहर शांतिपूर्ण विरोध में भाग लेने की अपील की थी। पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने विरोध में पूर्ण भागीदारी की घोषणा की है, हालांकि, अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) इसमें भाग नहीं लेगी।

Published: undefined

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि सत्तारूढ़ गठबंधन और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के नेतृत्व वाली उच्च न्यायपालिका का एक वर्ग इस साल फरवरी से ही विवादों में है, जब शीर्ष अदालत ने पंजाब व खैबर पख्तूनख्वा (के-पी) प्रांत में चुनावों की तारीखों की घोषणा में देरी पर स्वत: संज्ञान लेना शुरू कर दिया था।

यह कटुता तब और बढ़ गई, जब 11 मई को सीजेपी बांदियाल के नेतृत्व वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के अंदर से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined