
फ्रांस के मार्सिले शहर में सोमवार को रूसी वाणिज्य दूतावास के बाहर भीषण विस्फोट हुआ है। यूक्रेन पर रूसी हमले की तीसरी वर्षगांठ पर हुए इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस बीच रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दूतावास के परिसर में हुआ विस्फोट आतंकवादी हमला हो सकता है। साथ ही रूस ने घटना में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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फ्रांसीसी और रूसी मीडिया की रिपोर्टों से पता चला है कि विस्फोट सोमवार सुबह करीब 8 बजे मार्सिले में रूसी वाणिज्य दूतावास के पास हुआ, हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। खबर के अनुसार, अज्ञात व्यक्तियों ने वाणिज्य दूतावास के बगीचे में दो आग लगाने वाले उपकरण फेंके। इस दौरान जो दूसरा उपकरण फेंका गया, लेकिन वह नहीं फटा। स्थल के पास एक चोरी की गई कार भी मिली, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं और बढ़ गईं।
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एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि घटना के बाद एक संदिग्ध व्यक्ति भाग गया, जिसकी तलाश जारी है और जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने संदिग्ध या मकसद के बारे में अभी कोई ब्योरा नहीं दिया है। फ्रांसीसी समाचार चैनल बीएफएमटीवी के हवाले से तास ने बताया कि लगभग 30 अग्निशमन और बचाव कर्मियों को घटनास्थल पर तैनात किया गया है। बम निरोधक विशेषज्ञ को घटनास्थल पर बुलाया गया है।
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रूस ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने सरकारी समाचार एजेंसी तास से कहा, "मार्सिले में रूसी महावाणिज्य दूतावास के क्षेत्र में हुए विस्फोटों में आतंकवादी हमले के सभी लक्षण हैं। हम मांग करते हैं कि जांच के लिए व्यापक और त्वरित कदम उठाए जाएं, साथ ही रूसी विदेशी मिशनों की सुरक्षा को मजबूत किया जाए।"
फ्रांस ने 2022 से यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन देखे हैं, जिसमें मार्सेई, पेरिस और अन्य शहरों के प्रदर्शन शामिल हैं। मार्सेई फ्रांस का दूसरा सबसे बड़ा शहर और एक प्रमुख भूमध्यसागरीय बंदरगाह है। लेकिन इस शहर में विभिन्न समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन यहां रूसी समुदाय के अधिक लोग नहीं रहते हैं।
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यह विस्फोट यूक्रेन पर रूसी हमले की तीसरी वर्षगांठ पर और रूस और पश्चिम में बढ़ते तनाव के बीच हुआ है, खासकर यूरोपीय संघ की ओर से मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंधों के अपने 16वें पैकेज की घोषणा के बाद। यह घटना यूक्रेन-रूस युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर हुई। 22 फरवरी, 2022 को रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमान का सैन्य आक्रमण किया था।
पिछले सप्ताह, रूस की विदेशी खुफिया सेवा (एसवीआर) ने दावा किया था कि यूक्रेनी अधिकारी कथित तौर पर जर्मनी, बाल्टिक राज्यों और स्कैंडिनेविया सहित यूरोप में रूसी राजनयिक मिशनों पर हमले की योजना बना रहे थे। एजेंसी ने सुझाव दिया कि स्लोवाकिया और हंगरी को भी यूरोपीय संघ के देशों को बदनाम करने के प्रयास के तहत निशाना बनाया जा सकता है, जिन्होंने यूक्रेन संघर्ष पर एक अलग रुख अपनाया है।
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