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पाकिस्तान को FATF ने ग्रे लिस्ट से किया बाहर, म्यांमार को किया ब्लैकलिस्ट, रूस पर सख्त प्रतिबंध

एफएटीएफ जिस देश को ग्रे लिस्ट में डालता है, उसकी वित्तीय निगरानी बढ़ जाती है और साथ ही उस देश के लिए ग्रे लिस्ट में होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने जैसा की उम्मीद की जा रही थी पाकिस्तान को बड़ी राहत देते हुए ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है। दो दिन तक चली एफएटीएफ की बैठक के बाद आज पाकिस्तान और निकारागुआ को ग्रे लिस्ट से बाहर करने का ऐलान किया गया और म्यांमार को ब्लैकलिस्ट में डालने के साथ रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया।

आज की बैठक में एफएटीएफ ने बड़ा कदम उठाते हुए म्यांमार को ब्लैकलिस्ट में डालने का फैसला किया है। पेरिस में एक पूर्ण बैठक के बाद एफएटीएफ ने कहा कि संस्था उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार में कार्रवाई के अधीन है, जिसे अक्सर एफएटीएफ की ब्लैकलिस्ट कहा जाता है। इस बार म्यांमार को इस सूची में जोड़ा गया है।

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एफएटीएफ ने एक बयान जारी कर कहा कि बढ़ी हुई निगरानी के तहत एफएटीएफ के अधिकार क्षेत्र, जिसे अक्सर एफएटीएफ की ग्रे सूची के रूप में जाना जाता है, उसमें डीआरसी (कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य), तंजानिया और मोज़ाम्बिक में जोड़ा गया है, जबकि निकारागुआ और पाकिस्तान को हटा दिया गया है।

एफएटीएफ ने कहा कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स अपने एएमएल / सीएफटी शासन में सुधार के लिए पाकिस्तान की महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करता है। पाकिस्तान ने अपने एएमएल / सीएफटी शासन की प्रभावशीलता को मजबूत किया और एफएटीएफ द्वारा पहचानी गई रणनीतिक कमियों के संबंध में अपनी कार्य योजनाओं की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तकनीकी कमियों को दूर किया।

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इसके अलावा एफएटीएफ के अध्यक्ष टी राजा कुमार ने कहा कि एफएटीएफ ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की बार-बार निंदा की है। इस सप्ताह पूर्ण चर्चा के बाद, एफएटीएफ ने अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया, जिसमें वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं से रूस को रोकना और एफएटीएफ के क्षेत्रीय भागीदार निकायों की एफएटीएफ सदस्य के रूप में बैठकों में भाग लेने से रोकना शामिल है।

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बता दें कि एफएटीएफ यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ऐसा अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो आतंकवाद को बढ़ाने के लिए किये जाने वाले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय अपराधों को रोकने की कोशिश करता है। एफएटीएफ जिस देश को ग्रे लिस्ट में डालता है, उसकी वित्तीय निगरानी बढ़ जाती है। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने से उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसी संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करना मुश्किल हो गया था।

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