इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। गाजा पट्टी को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति योजना को हमास ने सिद्धांत रूप से स्वीकार कर लिया है। हमास ने कहा कि वह सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है। इसके साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने इजरायल से अपील की है कि अब गाजा पर हो रही बमबारी को तत्काल रोका जाए।
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हमास ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि उन्हें अमेरिका का वह प्रस्ताव स्वीकार है, जिसमें गाजा में युद्ध रोकने और स्थायी शांति स्थापित करने की बात शामिल है। संगठन ने कहा कि वह सभी इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए तैयार है, हालांकि प्रस्ताव की कुछ शर्तों पर आगे चर्चा जरूरी है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास के इस रुख का स्वागत करते हुए कहा कि यह शांति प्रक्रिया के लिए एक बड़ा कदम है और अब इजरायल को बमबारी रोकने फैसला लेना होगा।
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डोनाल्ड ट्रंप की ओर से तैयार की गई गाजा शांति योजना कई चरणों में लागू की जानी है। इस प्लान में कुल 20 बिंदु शामिल हैं।
पहला कदम गाजा को टेरर-फ्री जोन बनाना है ताकि पड़ोसी देशों को सुरक्षा का भरोसा मिल सके।
इसके बाद गाजा के आर्थिक और सामाजिक विकास पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को सीधा लाभ पहुंचे।
हमास द्वारा सभी इजरायली बंधकों की रिहाई के बाद इजरायल भी करीब 2000 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।
ट्रंप ने इस प्रक्रिया में कतर, मिस्र और सऊदी अरब जैसे देशों की भूमिका को अहम बताते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
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इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सरकार इस शांति योजना में सहयोग करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इजरायल अपने सिद्धांतों और सुरक्षा चिंताओं से समझौता नहीं करेगा।
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम के साथ मिलकर इस युद्ध को खत्म करने के लिए काम करेगा, लेकिन इसके लिए इजरायल की सुरक्षा और राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होंगे।
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जानकारों का मानना है कि गाजा शांति योजना को लेकर हमास का समर्थन एक बड़ा बदलाव है, लेकिन इस पर पूरी तरह से सहमति बनने और लागू होने में अभी कई जटिलताएं सामने आ सकती हैं। दूसरी ओर, गाजा में इजरायली हमले अब भी जारी हैं और वहां के हालात बेहद गंभीर हैं।
कतर और मिस्र जैसे मध्यस्थ देशों का कहना है कि कुछ बिंदुओं पर और बातचीत जरूरी है, तभी यह समझौता पूरी तरह अमल में आ पाएगा।
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