अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबेल पुरस्कार को लेकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने विश्व में कई युद्धों को टालने में अहम भूमिका निभाई, फिर भी नोबेल पुरस्कार से उन्हें वंचित रखा गया। ट्रंप ने खासतौर पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की पहल का जिक्र किया।
ट्रंप ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत ही गंभीर तनाव था। दोनों देशों के बीच मुकाबला चल रहा था और सात फाइटर जेट नष्ट हो चुके थे। उस वक्त मैंने दोनों नेताओं से बात की और सख्त संदेश दिया कि अगर युद्ध नहीं रोका गया तो अमेरिका उनकी वस्तुओं पर 200 प्रतिशत टैरिफ लगा देगा। अगले ही दिन मुझे बताया गया कि दोनों देशों ने तनाव कम करने का फैसला कर लिया है।
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राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने "टैरिफ का इस्तेमाल कर कई देशों को युद्ध से रोका। उनका कहना है कि उन्होंने ऐसे उपाय किए जो टकराव को रोकते हैं। ट्रंप बोले, मैंने आठ महीनों में आठ युद्ध रोके हैं, लेकिन फिर भी मुझे नोबेल पुरस्कार नहीं मिला। जबकि शायद ही किसी अन्य राष्ट्रपति ने एक भी युद्ध रोका हो।
ट्रंप ने कहा कि उनका मकसद हमेशा संघर्ष को रोकना रहा है, और इसी भावना से उन्होंने कई शांति प्रयास किए। उन्होंने कहा, मुझे युद्ध रोकना पसंद है। मैं उन कदमों का समर्थन करता हूं जो लोगों की जान बचाएं। हो सकता है कि मुझे नोबेल पुरस्कार न मिला हो, लेकिन मुझे संतोष है कि मैंने लाखों लोगों की जान बचाई।
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ट्रंप ने हाल में इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष को खत्म कराने का भी श्रेय खुद को दिया। उनके अनुसार, उन्होंने 20 पॉइंट्स पर आधारित एक शांति प्रस्ताव तैयार किया, जिसके पहले चरण में बंधकों की रिहाई शामिल थी। यह प्रयास कथित तौर पर युद्धविराम की ओर बढ़ा।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शायद आने वाला साल उनके लिए नोबेल पुरस्कार की दिशा में बेहतर हो। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पुरस्कार से ज्यादा उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके प्रयासों से दुनिया में कई जानें बची हैं।
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