यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने सोमवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में एल पेस को बताया, "यूरोपीय संघ रूस के साथ युद्ध में शामिल नहीं है।" आरटी के मुताबिक, चार्ल्स मिशेल ने कहा कि पश्चिमी देशों को मास्को और कीव के बीच संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि रूस और नाटो के बीच टकराव का मतलब परमाणु विश्वयुद्ध से कम नहीं होगा।
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फ्रांस के वर्साय में हुए यूरोपीय संघ के शिखर सम्मेलन के आगले दिन शनिवार को बेल्जियम के पूर्व प्रधानमंत्री ने एल पेस से कहा था, "रूस एक परमाणु शक्ति है और हम अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर यह संघर्ष नाटो और रूस के बीच संघर्ष में बदल जाता है, तो हम तीसरे विश्वयुद्ध में शामिल हो जाएंगे।"
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मिशेल ने बातचीत पर जोर देते हुए चेतावनी दी कि सभी संघर्ष नाटकीय, चरम और अक्सर कठिन होते हैं, लेकिन रूस की परमाणु क्षमताएं मास्को के साथ किसी भी संभावित सैन्य गतिरोध में एक नया, एक अलग प्रकृति का आयाम जोड़ती हैं।
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उन्होंने कहा, "मैं व्यावहारिकता की वकालत करता हूं। यूरोप को सैन्य कार्रवाई से प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय पहुंच, यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थिति और मास्को व कीव के बीच शांति वार्ता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"
मिशेल ने कहा, "हमें आज क्रेमलिन में जो कोई भी है, उससे बात करने की जरूरत है, क्योंकि लोकतंत्र वाले राष्ट्रों को सभी राष्ट्रों से बात करनी चाहिए, भले ही उन्हें लोकतांत्रिक न समझा जाए।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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