पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवाविस्तार वाली अधिसूचना को निलंबित कर दिया। पाकिस्तान में राजनीतिक माहौल पहले से ही काफी गर्म है। मुसीबतों ने इमरान खान सरकार को कई मोर्चो पर पहले से ही घेर रखा है। सेना और सरकार के बीच तनातनी की खबरें भी लगातार आती रहती हैं।
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पाकिस्तानी मीडिया की रपट के अनुसार, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाने की अधिसूचना को बुधवार तक के लिए निलंबित कर दिया है।
जुरिस्ट फाउंडेशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मजहर आलम और मंसूर अली शाह के साथ प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय पीठ ने इस निलंबन का निर्णय दिया।
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जुरिस्ट फाउंडेशन ने सेना प्रमुख को दिए गए सेवाविस्तार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इसे गैरकानूनी करार देकर रद्द करने की मांग की है। बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने अगस्त में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवाविस्तार वाली अधिसूचना को जारी किया था। इस पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश आसिफ सईद खोसा ने कहा, "सिर्फ पाकिस्तान के राष्ट्रपति ही सेना प्रमुख के सेवाविस्तार का आदेश दे सकते हैं।"
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अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बाजवा का कार्यकाल राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की मंजूरी के बिना नहीं बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा, "संघीय कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी है।"
सुप्रीम कोर्ट ने इसमें शामिल सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। बुधावार को मामले की फिर सुनवाई होगी।
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