पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सरकार पर आए संकट के लिए इशारों-इशारों में अमेरिका पर आरोप लगाया है। उन्होंने शुक्रवार को दावा किया कि एक 'शक्तिशाली देश' ने उनकी रूस यात्रा पर आपत्ति जताई और उनसे नाराज होकर धमकी वाला ज्ञापन भेजा था।इमरान खान ने यह बात ऐसे समय कही है, जब उन्होंने खुलासा किया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को कथित रूप से धमकी देने वाला ज्ञापन भेजा था।
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इस्लामाबाद में एक उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा, "एक बहुत शक्तिशाली देश ने हमसे पूछा कि हम रूस क्यों गए। वे एक देश से पूछ रहे हैं कि हम रूस क्यों गए। इसके अलावा, वे हमसे नाराज हैं।" उन्होंने कहा कि दूसरी ओर वही शक्तिशाली देश भारत की मदद कर रहा है, जबकि वह रूस से व्यापार कर रहा है और यहां तक कि रूस से तेल आयात करने की सोच रहा है।
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इमरान खान ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश सचिव ने कहा है कि ब्रिटेन भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता क्योंकि उनकी एक स्वतंत्र नीति है। 'तो हम क्या हैं?' हम इस मोड़ पर ऐसे लोगों के कारण हैं, जिन्होंने देश के हित के लिए नहीं, बल्कि अभिजात वर्ग के हित में देश का बलिदान दिया।"
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इमरान खान ने कहा कि पिछले राजनेताओं के फैसलों से ऐसी स्थिति पैदा हो गई है कि कोई भी विदेशी पाकिस्तान का सम्मान नहीं करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि समावेशी समृद्धि, कानून का शासन और एक स्वतंत्र विदेश नीति किसी भी देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रमुख तत्व हैं।
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