श्रीलंका सरकार ने रविवार को बड़े पैमाने पर गैर-राजनीतिक सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन होने से पहले शनिवार शाम से सोमवार सुबह तक पूरे द्वीप पर कर्फ्यू लगा दिया है। सरकारी सूचना विभाग ने घोषणा की कि कर्फ्यू शाम 6 बजे (शनिवार) से सुबह 6 बजे (सोमवार) तक प्रभावी रहेगा।
Published: 02 Apr 2022, 10:00 PM IST
श्रीलंका में ईंधन, एलपीजी, बिजली और भोजन की कमी सहित गंभीर आर्थिक संकट को लेकर बड़े पैमाने पर सार्वजनिक विरोध की योजना बनाई जा रही है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार के विरोध प्रदर्शन से पहले शुक्रवार की रात आपातकालीन कानून भी लागू कर दिया, जिससे पुलिस बिना वारंट के किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार कर सकती है।
नागरिक अधिकार समूहों और कानूनी विशेषज्ञों ने राजपक्षे के इस कदम की आलोचना की है। बार एसोसिएशन ऑफ श्रीलंका - एक स्वतंत्र निकाय, जिसमें लगभग सभी न्यायाधीश और वकील शामिल हैं, ने आपातकालीन कानून की शुरुआत की निंदा की और राष्ट्रपति से इसे रद्द करने का आग्रह किया।
Published: 02 Apr 2022, 10:00 PM IST
सख्त कानून लागू होने के बावजूद आक्रोशित लोगों ने सड़कों पर उतरने की ठानी। विपक्षी दलों ने कहा है कि वे रविवार के विरोध का समर्थन करेंगे, लेकिन इसे 'वास्तविक लोगों का विद्रोह' बताते हुए नेतृत्व देने से इनकार कर दिया।
गुरुवार की रात जनता के विरोध ने राष्ट्रपति के आवास के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था और पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हमला किए जाने के साथ यह हिंसक हो गया। झड़प में 30 से अधिक पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए। पुलिस ने 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया। झड़प के दौरान एक बस और पुलिस के कई अन्य वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
राष्ट्रपति कार्यालय ने आरोप लगाया कि विरोध में हिंसा एक 'चरमपंथी' समूह द्वारा शुरू की गई थी।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: 02 Apr 2022, 10:00 PM IST
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Published: 02 Apr 2022, 10:00 PM IST