
पाकिस्तान में राजनीतिक संकट गहराने के साथ, मौजूदा सरकार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पर संभावित प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को यह जानकारी दी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, 9 मई को 190 मिलियन पाउंड के समझौता मामले में पार्टी प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में विरोध प्रदर्शन हुए थे।
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जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, आसिफ ने कहा कि यदि सरकार अतत पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी (पीटीआई) पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करती है तो इस मामले को मंजूरी के लिए संसद के पास भेजा जाएगा।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के आरोपों में 9 मई को गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी से देश में हिंसा भड़क उठी थी। पीटीआई कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतर आए थे और उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठानों, इमारतों सहित सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तथा आगजनी भी की थी। हालांकि, बाद में अदालत के आदेश के पर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
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इसके बाद सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान सेना अधिनियम और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम सहित संबंधित कानूनों के तहत विरोध के दिन आगजनी करने वालों और राज्य विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों पर मुकदमा चलाने का संकल्प लिया है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्री आसिफ ने बुधवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पीटीआई ने राज्य की बुनियाद पर हमला किया है, जो पहले कभी नहीं हुआ। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
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आसिफ ने पूछा कि क्या कोई अपराध है जो 9 मई को नहीं हुआ? आसिफ ने कहा कि हिंसक घटना में शामिल बदमाशों के नापाक इरादे थे। पिछले साल अप्रैल में खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले घटी घटनाओं का जिक्र करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा, 9 अप्रैल के बाद इमरान खान द्वारा उठाए गए सभी कदमों की कीमत उन्हें चुकानी पड़ी है। हमने उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाया। वह अपने कर्मों का फल भुगत रहे हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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