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अफगानिस्तान में हिजाब, पगड़ी की कीमतों में आया उछाल, तालिबान की वापसी से लोगों में पसरा खौफ

तालिबान ने अब तक पगड़ी और हिजाब पहनने के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन कुछ लोग उन्हें पारंपरिक रूप से पहनते हैं। तालिबान के आने के बाद से बहुत से नए लोगों ने भी अब पगड़ी और हिजाब पहनना शुरू कर दिया है। खासकर यहां की महिलाएं हिजाब पहनने पर जोर दे रही हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दुकानदारों का कहना है कि तालिबान के फिर से सत्ता में लौटने से पगड़ी और हिजाब की बिक्री में वृद्धि हुई है और साथ ही इनकी कीमतों में भी उछाल आया है। अभी एक हफ्ते पहले तालिबान ने देश के अन्य प्रांतों पर कब्जा करने के बाद काबुल पर कब्जा करने में कामयाबी हासिल की थी।

अफगान मीडिया ने बताया कि तालिबान ने अब तक पगड़ी और हिजाब पहनने के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन कुछ लोग उन्हें पारंपरिक रूप से पहनते हैं। तालिबान के आने के बाद से बहुत से नए लोगों ने भी अब पगड़ी और हिजाब पहनना शुरू कर दिया है। खासकर यहां की महिलाएं हिजाब पहनने पर जोर दे रही हैं।

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काबुल में हिजाब बेचने वाले फैज आगा ने पझवोक अफगान न्यूज को बताया कि पिछले कुछ दिनों से पगड़ी की बिक्री बढ़ी है। उन्होंने कहा कि अतीत में, मैं एक दिन में चार या पांच हिजाब बेच सकता था, लेकिन अब तालिबान की वापसी के बाद मैं एक दिन में 15 से 17 हिजाब बेचता हूं।

एक अन्य दुकानदार नियामतुल्ला ने भी कहा कि हिजाब की कीमतें बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि एक हिजाब पहले 1,000 अफगानी रुपये में बेचा जाता था, लेकिन अब इसे 1,200 अफगानी मुद्रा में बेचा जाता है। उन्होंने कहा कि तालिबान की वापसी से पहले, मैं एक दिन में छह से सात हिजाब बेचता था, लेकिन अब मैं एक दिन में 20 तक बेच लेता हूं।

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काबुल में पगड़ी बेचने वाले अब्दुल मलिक ने कहा कि तालिबान के आने से पगड़ी की बिक्री भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि उनकी गुणवत्ता को देखते हुए एक पगड़ी की कीमत 300 से 3,000 अफगानी रुपये तक होती है। उन्होंने कहा कि मैं पहले एक दिन में छह या सात पगड़ी बेच सकता था, लेकिन अब लगभग 30 बेच ले रहा हूं।

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काबुल शहर के 11वें थाना क्षेत्र के निवासी ख्वाजा अब्दुल जब्बार ने बताया कि तालिबान की वापसी के साथ ही उसने फिर से पगड़ी पहनना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं कुछ समय पहले तक काराकुल का इस्तेमाल करता था, लेकिन अब तालिबान के जबरदस्ती न किए जाने के बावजूद मुझे पगड़ी में दिलचस्पी है। हिजाब और पगड़ी के अलावा कुछ अन्य मुद्दे भी हैं जिन पर नई तालिबान सरकार की स्थापना के बाद फैसला किया जाएगा।

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