एक तरफ जहां तालिबान सत्ता में महिलाओं की हिस्सेदारी देने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी तरफ पूरे अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। अपने अधिकारों और नई सरकार में अपनी भागीदारी के लिए तालिबान से लड़ रहीं महिलाओं का विरोध प्रदर्शन पहले से ज्याद मुखर हो गया है। महिलाओं का प्रदर्शन काबुल से बढ़कर उत्तर-पूर्वी प्रांत बदख्शां पहुंच गया है। वहां भी कई महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं।
Published: 10 Sep 2021, 8:54 AM IST
महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच तालिबान का बेतुका बयान सामने आया है। तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरुल्लाह हाशमी ने कहा कि एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। हाशमी ने कहा कि किसी महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वो नहीं उठा सकती है। महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।
Published: 10 Sep 2021, 8:54 AM IST
वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने एक बार फिर अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चिंता जताई है। यूएनएससी में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अब भी नाजुक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक पड़ोसी होने और उस देश के लोगों का दोस्त होने के नाते अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से हम चिंता में हैं।
Published: 10 Sep 2021, 8:54 AM IST
टीएस तिरुमूर्ति ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी हमले पर बोलते हुए कहा कि पिछले महीने काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला हुआ, जो यह दर्शाता है कि आतंकवाद अफगानिस्तान के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। इसलिए यह जरूरी है कि आतंक के खिलाफ जो वादे किए गए हैं, उसका सम्मान किया जाए और उसका पालन किया जाए।
Published: 10 Sep 2021, 8:54 AM IST
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Published: 10 Sep 2021, 8:54 AM IST