ब्रिटेन में उपचुनाव होने वाले है। लेकिन इससे पहले प्रचार के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के इस्तेमाल को लेकर हंगामा मचा हुआ है। दरअसल, लेबर पार्टी ने अपनी प्रचार सामग्री में भारत के पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की हाथ मिलाती तस्वीर इस्तेमाल की है। यह तस्वीर 2019 के जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान की है। इस तस्वीर के माध्यम से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि पीएम मोदी से दोस्ती रखने वाली पार्टी यानी सत्ताधारी सांसद से बचकर रहें।
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लेबर पार्टी का कहना है कि अगर वहां के लोगों ने दूसरी पार्टी को वोट दिया तो ऐसी तस्वीर दिखने का रिस्क है, लेकिन लेबर पार्टी इस मामले में स्पष्ट है। इस तस्वीर के सामने आने के बाद बवाल मचा हुआ है। प्रवासी भारतीय समूहों ने इसकी निंदा की है। प्रवासी भारतीय समूहों ने लेबर पार्टी को 'विभाजनकारी' और 'भारत विरोधी' बताया है।
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भारतीय समुदाय के संगठन कंजरवेटिव फ्रैंड्स ऑफ इंडिया ने कहा, 'प्रिय कीर स्टार्मर, क्या आप इस प्रचार सामग्री की व्याख्या कर सकते हैं और स्पष्ट कर सकते हैं कि क्या लेबर पार्टी का कोई प्रधानमंत्री या नेता दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ कोई संबंध रखने से इनकार करेगा? क्या ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के 15 लाख से अधिक सदस्यों के लिए आपका यह संदेश है।'
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इस प्रचार सामग्री को लेकर लेबर पार्टी के नेताओं के बीच भी नाराजगी है। लेबर फ्रैंड्स ऑफ इंडिया (एलएफआईएन) ने इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। एलएफआईएन ने एक बयान में कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लेबर पार्टी ने अपनी लीफलेट पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और ब्रिटेन के सबसे करीबी दोस्तों में से एक भारत के प्रधानमंत्री मोदी की 2019 के जी-7 सम्मेलन की एक तस्वीर इस्तेमाल की है।
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