इजरायल और ईरान तनाव में हर पल नया मोड़ आ रहा है। खबरों की मानें तो इजरायल ईरान के साथ जारी युद्ध रोकने को उत्सुक नजर आ रहा है। इजरायल इस बात खुशी जता रहा है कि अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले से उसे अपना लक्ष्य हासिल हो गया है। उसे लगता है कि इसलिए युद्ध अब रुक जाना चाहिए। लेकिन दूसरी ओर ईरान को लगता है कि उसे अमेरिकी हमलों का जवाब देना चाहिए।
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ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद से इजरायल ईरान के साथ युद्ध को रोकना चाहता है। इस बात की जानकारी अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' के हवाले से इजरायल के अखबार 'दी टाइम्स ऑफ इजरायल' ने दी है। खबर में इजरायली और अरब के कुछ सूत्रों का हवाला दिया गया है।
अरब के अधिकारियों ने अमेरिकी अखबार को बताया कि अमेरिका ने अरब के अधिकारियों को ईरान तक यह संदेश पहुंचाने को कहा है कि इजरायल जल्द ही इस अभियान को खत्म कर लेगा।
गौरतलब है कि इजराइल ने सोमवार को तेहरान में ईरानी सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए, वहीं इजराइली सेना ने भी पुष्टि की कि उसने ईरान के फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान तक पहुंच को बाधित करने के लिए उसके आसपास की सड़कों पर हमला किया।
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फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान रविवार को अमेरिका द्वारा निशाना बनाये गए तीन परमाणु प्रतिष्ठानों में से एक था। इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तेहरान पर किए गए हमलों में वहां की कुख्यात एविन जेल और अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सुरक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया गया।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘इजराइली घरेलू मोर्चे पर हमला करने के लिए ईरानी तानाशाह को पूरी ताकत से दंडित किया जाएगा।’’ अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा, ‘‘उपयोग किए गए विस्फोटक पेलोड को देखते हुए...बहुत अधिक क्षति होने की आशंका है।’’
रविवार को ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमलों के साथ, अमेरिका ने खुद को इस युद्ध में शामिल कर लिया, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष की आशंकाएं पैदा हो गईं।
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ईरान ने कहा कि अमेरिका ने मिसाइल और 30,000 पाउंड के बंकर-बस्टर बमों से तीन स्थलों पर हमला करने के अपने जोखिम भरे कदम से ‘एक बहुत बड़ी लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी है।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी सहित कई ईरानी अधिकारियों ने दावा किया है कि ईरान ने लक्षित स्थलों से परमाणु सामग्री पहले ही हटा ली थी।
इससे पहले सोमवार को, ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ आफ ज्वाइंट स्टाफ के प्रमुख जनरल अब्दुलरहीम मौसवी ने वाशिंगटन को चेतावनी दी कि उसके हमलों ने ईरानी बलों को अमेरिकी हितों और उसकी सेना के खिलाफ कार्रवाई करने की ‘खुली छूट’ दे दी है।
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