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दुनियाः केन्या में बाढ़ के कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 169 हुई और रूसी हवाई हमले में यूक्रेन में 2 की मौत

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शहबाज शरीफ सरकार की गेहूं खरीद नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है, जो सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। श्रीलंकाई समुद्री डाकुओं ने तमिलनाडु के मछुआरों के एक समूह पर बीच समुद्र में हमला बोलकर जमकर लूटपाट किया।

केन्या में बाढ़ के कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 169 हुई
केन्या में बाढ़ के कहर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 169 हुई  फोटोः IANS

केन्या में बाढ़ के कहर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 169 हुई

केन्या के कई हिस्सों में भारी बारिश और विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 169 हो गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के प्रवक्ता इसाक मवॉरा ने सोमवार शाम को मरने वालों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा था, "पश्चिमी केन्या के माई माहिउ शहर में सोमवार सुबह एक बांध टूटने से 48 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य प्रभावित हुए हैं।" इसाक मवॉरा ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा, "बारिश शुरू होने के बाद से हमने 169 लोगों को खो दिया है। सरकार ने लापता लोगों की तलाश के लिए खोज और बचाव अभियान भी तेज कर दिया है।''

पूर्वी अफ्रीकी देश में इस समय अल नीनो के कारण औसत से अधिक वर्षा हो रही है। केन्या मौसम विभाग ने कहा है कि इस सप्ताह भारी बारिश जारी रहेगी, साथ ही कुछ इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की भी संभावना है। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण नैरोबी, मकुएनी, वेस्ट पोकोट और मचाकोस काउंटियों में बड़ी बाढ़ आई है। बाढ़ से जान-माल का नुकसान हुआ है। भारी बारिश के कारण मुख्य सड़कें भी कट गईं। पूरे देश में व्यापार बाधित हुआ और स्कूल बंद कर दिए गए।

उन्होंने आगे कहा कि नवगठित राष्ट्रीय बहु-एजेंसी बाढ़ आपातकालीन टीम बाढ़ के प्रभावों से निपटने में केन्याई लोगों की सहायता के लिए कई उपायों को लागू कर रही है, जिसमें भोजन, सुरक्षित पेयजल, स्वास्थ्य आपूर्ति और बचाव प्रयास शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हमारे यहां हमेशा मार्च, अप्रैल और मई के बीच बारिश होती है, लेकिन अब जलवायु परिवर्तन के कारण यह सामान्य से अधिक है। केन्या की सबसे लंबी ताना नदी पर सेवन फोर्क्स जलविद्युत परियोजना वाले सभी पांच बांध कुल क्षमता पर हैं।"

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रूसी हवाई हमले से यूक्रेन में दो की मौत, आठ घायल

दक्षिणी यूक्रेन के बंदरगाह शहर ओडेसा में रूसी मिसाइल हमलों में कम से कम दो लोग मारे गए, जबकि आठ अन्य घायल हो गए। क्षेत्र के गवर्नर ओलेह किपर ने टेलीग्राम पर यह जानकारी शेयर की। इस हमले में कई आवासीय भवनों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले रूसी सीमा से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर स्थित यूक्रेनी शहर खार्किव पर ग्लाइड बमों से हमला किया गया था। उस हमले में दो नागरिक घायल हो गए थे। इस हमले में एक बहुमंजिला आवासीय इमारत भी क्षतिग्रस्त हो गई थी।

यूक्रेन दो वर्षों से अधिक समय से रूसी आक्रमण को रोक रहा है। रूसी सेना लगभग रोज खार्किव और ओडेसा के प्रमुख शहरों पर मिसाइलें और ड्रोन दागती है। इससे पहले सोमवार को नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा था कि जब नाटो सहयोगी यूक्रेन को समय पर हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने में विफल रहते हैं तो "यूक्रेनी इसकी कीमत चुकाते हैं।" गोला-बारूद की कमी ने रूसियों को अग्रिम पंक्ति में आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है। स्टोल्टेनबर्ग ने कीव में कहा कि अधिक सैन्य सहायता भेजने के लिए वाशिंगटन की लंबी प्रक्रिया के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया गया है।

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गेहूं खरीद को लेकर पाकिस्तान के पंजाब में किसानों का विरोध तेज

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज के नेतृत्व वाली सरकार के साथ-साथ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार को किसानों की एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की गेहूं खरीद नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है जिसे राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिल रहा है। किसान समेत देश के कृषि क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी पाकिस्तान किसान इत्तेहाद (पीकेआई) ने अनाज खरीदने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहने और प्रांतीय खरीद कोटा घटाने के फैसले को पलटने के लिए सरकार की आलोचना की है।

इस मुद्दे पर पीकेआई और प्रांतीय एवं संघीय सरकार के बीच एक महीने से अधिक समय से विचार चल रहा है। लेकिन बड़ी संख्या में किसानों का सरकार विरोधी अभियान शुरू नहीं हुआ था। किसानों का कहना है कि उन्होंने सरकार की जरूरत पूरी करने के लिए गेहूं की फसल बोई, यह जानते हुए कि उनके तैयार गेहूं के दानों को खरीदा जाएगा। किसानों का कहना है कि उनके गेहूं की फसल तैयार है, इसलिए सरकार उसे खरीदना नहीं चाहती। बारिश हो जाने से फसल खेतों में सड़ रही है।

दूसरी ओर, पंजाब सरकार के पास किसानों की मांगों का कोई जवाब नहीं है। ऐसा लगता है कि उसने प्रदर्शनकारियों को मुख्य सड़कों और राजमार्गों को अवरुद्ध करने से रोकने के लिए पुलिस और दंगा-रोधी दस्तों की भारी टुकड़ियों को तैनात कर विरोध प्रदर्शन का मुकाबला करने का विकल्प चुना है।

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श्रीलंकाई समुद्री डाकुओं ने तमिलनाडु के मछुआरों पर किया हमला

श्रीलंकाई समुद्री डाकुओं ने तमिलनाडु के नागापट्टिनम के मछुआरों के एक समूह पर बीच समुद्र में हमला बोल दिया। डाकुओं ने मछुआरों के साथ जमकर लूटपाट की। हमले में एक मछुआरा मुरुगन घायल हो गया और उसे नागपट्टिनम के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हमला नागापट्टिनम तट से 15 समुद्री मील दूर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के पास भारतीय समुद्री सीमा के भीतर हुआ। तमिलनाडु तटीय पुलिस ने कहा कि समुद्री लुटेरों ने नाव से वॉकी-टॉकी और जीपीएस लूट लिए।

नागापट्टिनम मछुआरा संघ के नेता आर. एंटनी जॉनसन ने कहा कि समुद्री डाकू श्रीलंका से थे।जॉनसन ने कहा, ''समुद्र के बीच में लगातार हमारा पीछा किया जा रहा है और हमला किया जा रहा है। चाहे वह समुद्री डाकुओं का हमला हो या श्रीलंकाई नौसेना के मछुआरों द्वारा मशीनीकृत नौकाओं को पकड़ना या जब्त करना। हम पर नियमित रूप से हमले किए जाते हैं। केंद्र सरकार को तुरंत मामले में हस्तक्षेप कर इस गंभीर मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए।''

जॉनसन ने कहा कि कई मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने नहीं जाना चाहते। वहीं कई लोगों के परिवार वाले इन हमलों को लेकर बेहद चिंतित हैं। तमिलनाडु के तटीय पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि नागपट्टिनम के मछुआरे अब इन दिनों समुद्र में जाने से कतरा रहे हैं। इस मामले में अधिक विवरण की प्रतीक्षा है।

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अफगानिस्तान में बंदूकधारी ने मस्जिद में फायरिंग की, छह नमाजियों की मौत

अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत हेरात में बंदूकधारी ने एक मस्जिद में फायरिंग की। गोली लगने से कम से कम छह नागरिकों की मौत हो गई और एक घायल हो गया। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल मतीन कानी के अनुसार, एक अज्ञात बंदूकधारी ने सोमवार शाम गुजारा जिले में स्थित मस्जिद के अंदर नमाजियों पर फायरिंग की। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने हमले की निंदा की है। साथ ही अपराधियों की पहचान करने और जांच की तत्काल जरूरत पर जोर दिया।

अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। गौरतलब है कि अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से युद्धग्रस्त देश में हमलों में काफी कमी आई है।हालांकि, तथाकथित इस्लामिक स्टेट की शाखाएं अभी भी देश में सक्रिय मानी जाती हैं और समय-समय पर हमलों का दावा भी करती हैं।

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