पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह गुलामी स्वीकार करने के बजाय जेल की अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करेंगे।
खान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे आशूरा के बाद वर्तमान शासन के खिलाफ विद्रोह करें।
आशूरा, पैगंबर साहब के पोते इमाम हुसैन की शहादत के शोक में मोहर्रम का 10वां दिन है। इस साल यह दिन छह जुलाई को है।
खान ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, "मैं पूरे देश, विशेषकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आग्रह करता हूं कि वे आशूरा के बाद इस अत्याचारी व्यवस्था के खिलाफ उठ खड़े हों।"
खान ने कहा, "मैं गुलामी को स्वीकार करने के बजाय जेल की एक अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करूंगा।" खान कई मामलों में लगभग दो वर्षों से जेल में हैं।
खान ने कहा कि उनकी आवाज़ को हर तरीके से दबाने की कोशिश की जा रही है।
सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर टिप्पणी करते हुए खान ने कहा, "जब कोई तानाशाह सत्ता में आता है, तो उसे लोगों के मतों की ज़रूरत नहीं होती वह क्रूर बल के ज़रिए शासन करता है।"
खान ने देश में न्यायपालिका को कार्यपालिका का उप-विभाग करार दिया और कहा कि अदालतें ऐसे न्यायाधीशों से भरी हुई हैं जो किसी के चहेते हैं, जबकि स्वतंत्र न्यायाधीशों को शक्तिहीन बना दिया गया है। उन्होंने कहा,‘‘यह केवल मार्शल लॉ के तहत होता है।’’
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रूस और यूक्रेन लंबी लड़ाई के बाद अब शांति की दिशा में कदम उठा रहे हैं। दो दौर की बातचीत लगभग सफल रही और अब क्रेमलिन को उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन वार्ता के तीसरे दौर की तारीख जल्द तय हो सकती है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस पर जल्द ही सहमति बन जाएगी। उन्होंने दोहराया कि वार्ता का कार्यक्रम दोनों पक्षों की सहमति से ही तय किया जा सकता है।
पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई निश्चित तारीख तय नहीं हुई है और यह प्रक्रिया आपसी सहमति पर आधारित है। उन्होंने कहा, "यह एक पारस्परिक प्रक्रिया है।"
क्रेमलिन के प्रवक्ता के मुताबिक, अगली वार्ता प्रक्रिया की गति कीव शासन और अमेरिका के मध्यस्थता करने के प्रयासों पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, "जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और उसे ध्यान में रखना जरूरी है।"
रूस-यूक्रेन के बीच पहली बैठक में कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी, जबकि दूसरी बैठक में 6000 यूक्रेनी सैनिकों के शवों की वापसी, बीमार और 25 साल से कम उम्र के कैदियों की अदला-बदली पर सहमति बनी थी।
पहले दौर की वार्ता 16 मई को इस्तांबुल में हुई, जबकि दूसरे दौर में 2 जून को तुर्किए में दोनों देशों के बीच बातचीत हुई थी। पिछली बैठक में यूक्रेन के रक्षा मंत्री रुस्तम उमरोव ने प्रस्ताव दिया था कि तीसरी बैठक जून के आखिरी हफ्ते में आयोजित की जाए, लेकिन ये वार्ता नहीं हो पाई।
हालांकि, 2 जून को हुई सहमति के बावजूद रूसी मीडिया ने बताया कि क्रेमलिन ने संघर्ष विराम के लिए दो प्रस्ताव दिए थे, जिनमें यूक्रेनी सेना को चार क्षेत्रों (डोनेत्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया) से हटने की मांग की गई थी, जिन्हें रूस अपना हिस्सा मानता है। इसके अलावा 100 दिनों के भीतर यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव कराने की शर्त रखी गई थी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की इन मांगों को शांति की मंशा के विपरीत बता रहे हैं। उनकी तरफ से नए प्रतिबंधों की मांग की गई। जेलेंस्की का मानना है कि ये मांगें वास्तव में यूक्रेन के सरेंडर करने की शर्तें हैं, जिसे वो स्वीकार नहीं करेंगे।
जेलेंस्की के चीफ ऑफ स्टाफ आंद्रेई यरमाक ने जोर देकर कहा, "रूस युद्ध विराम को रोकने और युद्ध जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। अब नए प्रतिबंध लगाना जरूरी है।"
इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने टिप्पणी की कि यूक्रेन में युद्ध का समाधान संघर्ष के मूल कारण को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि रूस लड़ाई को रोकने के लिए तैयार है।
दूसरी ओर, तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने आश्वासन दिया कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संपर्क में हैं और दोनों वार्ता में हिस्सा लेने के इच्छुक हैं।
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गाजा में रात भर हुए हवाई हमलों और गोलीबारी में 94 फलस्तीनी मारे गए और इनमें से 45 लोग ऐसे थे जो अत्यंत आवश्यक मानवीय सहायता सामग्री प्राप्त करने का प्रयास कर रहे थे। गाजा के अस्पतालों और स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इजराइल की सेना ने गाजा में हुए इन हमलों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।
‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ से जुड़े स्थलों के आसपास पांच लोग मारे गए तथा गाजा पट्टी में अन्य स्थानों पर सहायता सामग्री की आपूर्ति करने वाले ट्रकों का इंतजार कर रहे 40 अन्य लोग मारे गए।
‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ इजराइल समर्थित नव निर्मित अमेरिकी संगठन है जो गाजा पट्टी में आबादी को भोजन उपलब्ध कराने में मदद करता है।
गाजा पट्टी पर बुधवार रात और बृहस्पतिवार सुबह हुए हवाई हमलों में दर्जनों लोग मारे गए। इनमें से 15 लोग मुवासी क्षेत्र में स्थित तंबुओं पर हुए हमलों में मारे गए। मुवासी क्षेत्र में कई विस्थापित फलस्तीनी शरण लिए हुए हैं।
इसके अलावा, गाजा शहर में विस्थापित लोगों को आश्रय देने वाले एक स्कूल पर हुए हमले 15 लोगों की मौत हो गई।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गाजा में मारे गए फलस्तीनियों की संख्या बढ़कर 57,000 से अधिक हो गई है जिनमें वे 223 लापता लोग भी शामिल हैं जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया है।
ये मौतें ऐसे समय में हुई हैं जब इजराइल और हमास संभावित संघर्षविराम के करीब पहुंच रहे हैं, जिससे 21 महीने से जारी युद्ध समाप्त होने की उम्मीद है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि इजराइल गाजा में 60 दिन के संघर्षविराम की शर्तों पर सहमत हो गया है और उन्होंने हमास को चेतावनी दी थी कि वह इस समझौते को स्वीकार करे, अन्यथा हालात और बिगड़ेंगे।
यह युद्ध सात अक्टूबर 2023 को उस समय शुरू हुआ था जब हमास ने दक्षिणी इजराइल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था।
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अमेरिका के शिकागो शहर में बुधवार रात को एक रेस्तरां के बाहर हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई और 14 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उसने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है।
गोलीबारी की यह घटना बुधवार देर रात शिकागो के रिवर नॉर्थ इलाके में हुई।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, यह घटना एक रेस्तरां के बाहर हुई, जहां एक गायक के एल्बम रिलीज की पार्टी आयोजित की गई थी।
पुलिस ने कहा कि किसी व्यक्ति ने रेस्तरां के बाहर खड़ी भीड़ पर गोलीबारी की और वाहन पर सवार होकर तुरंत फरार हो गया। उसने बताया कि फिलहाल किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।
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नेपाल पुलिस ने राजधानी काठमांडू में चल रहे एक क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) रैकेट का भंडाफोड़ कर छह चीनी नागरिकों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया है जो इस मामले में कथित तौर पर संलिप्त थे।
नेपाल पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार, किए गए छह चीनी नागरिक इस कथित क्रिप्टोकरेंसी और ऑनलाइन लेनदेन के मुख्य कर्ताधर्ता हैं। इनकी उम्र 25 साल से 42 साल के बीच है।
नेपाल पुलिस के अपराधी अन्वेषण ब्यूरो ने गुप्त सूचना के आधार पर, ललितपुर के बलिफाल टोले और काठमांडू के चागल ताहाचल इलाके में दो घरों में छापे मारे और अपराध में कथित तौर पर संलिप्त छह चीनी नागरिकों तथा 46 नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने बताया कि, यह गिरोह ललितपुर के बलिफाल में किराए के मकान में ‘सॉफ्टवेयर डेवलपिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड’ के नाम पर गैरकानूनी ढंग से डेटिंग एप और कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था।
काठमांडू के बाहरी क्षेत्र चागल-ताहाचल में किराए के एक अन्य मकान में गैरकानूनी रूप से पैसों का लेनदेन किया जा रहा था।
पुलिस ने छापेमारी में 14 लाख नेपाली रुपये, नौ लैपटॉप और 54 मोबाइल फोन सेट बरामद किए हैं।
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