ईरान ने 2018 में हुये हमले के बाद गिरफ्तार किये गये इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह के नौ आतंकवादियों को फांसी दे दी है।
ईरानी न्यायपालिका की समाचार एजेंसी मिजान ने मंगलवार को फांसी पर लटकाये जाने की घोषणा की। एजेंसी ने यह भी कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने इन दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था।
इसमें बताया गया है कि आतंकवादियों को देश के पश्चिमी क्षेत्र में ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड के साथ संघर्ष के बाद हिरासत में लिया गया था। इस संघर्ष में तीन जवान और इस्लामिक स्टेट समूह के कई आतंकी मारे गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि देश के पश्चिमी हिस्से में रिवोल्यूशनरी गार्ड के जवानों ने आतंकियों के ठिकाने को घेर लिया था और वहां से 50 मशीनगन समेत हथियारों का जखीरा बरामद किया था। ईरान में फंदे से लटका कर मौत की सजा दी जाती है।
आतंकी समूह ने 2014 में स्वघोषित खलीफा के तहत सीरिया और इराक के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया था, जहां से बाद में अमेरिका की अगुवाई वाली फौज ने उन्हें खदेड़ दिया था।
इस समूह ने इससे पहले जून 2017 में तेहरान में संसद और अयातुल्ला रूहोल्लाह खामैनी की कब्र पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 18 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हो गए थे।
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अमेरिकी हवाई अड्डे पर एक भारतीय युवक के हाथ में हथकड़ी होने, उसके चीखने और उसके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किये जाने का वीडियो बनाने वाले कुणाल जैन ने इस घटना को मानव त्रासदी करार देते हुए कहा कि वह खुद को ‘असहाय और मर्माहत’ महसूस कर रहे हैं।
भारतीय-अमेरिकी सामाजिक उद्यमी जैन ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इस वीडियो में भारतीय व्यक्ति को नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर दो-तीन पोर्ट अथॉरिटी पुलिस अधिकारियों द्वारा हथकड़ी लगाकर जमीन पर लिटाया गया दिखाया गया है।
‘एक्स’ पर कई पोस्ट में जैन ने कहा कि अमेरिका में भारतीय दूतावास को उस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए।
जैन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने कल रात नेवार्क हवाई अड्डे पर एक युवा भारतीय छात्र को निर्वासित होते देखा - उसके हाथ में हथकड़ी थी, वह चीख रहा था और उसके साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा था। वह सपने पूरे करने के लिये आया था, नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं। एक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) के रूप में, मैं असहाय और मर्माहत महसूस कर रहा था। यह एक मानवीय त्रासदी है।’’
उन्होंने पोस्ट में भारतीय दूतावास को भी टैग किया।
जैन ने कहा, “यह बेचारा हरियाणवी भाषा में बोल रहा था। मैं उसके उच्चारण को पहचान सकता था, वह कह रहा था ‘मैं पागल नहीं हूं, ये लोग मुझे पागल साबित करने में लगे हुए हैं’।’’
जैन ने एक पोस्ट में कहा कि ये युवा लोग अमेरिका पहुंचते हैं और किसी कारणवश, वे आव्रजन अधिकारियों को अपनी यात्रा का उद्देश्य नहीं बता पाते और उन्हें उसी दिन अपराधियों की तरह बांधकर निर्वासित कर दिया जाता है।
जैन ने कहा, ‘‘इस बेचारे बच्चे के माता-पिता को पता ही नहीं होगा कि उसके साथ क्या हो रहा है। भारतीय दूतावास और डॉ. जयशंकर जी, उसे कल रात मेरे साथ एक ही विमान में चढ़ना था, लेकिन वह नहीं चढ़ पाया। किसी को यह पता लगाना चाहिए कि न्यू जर्सी के अधिकारी उसके साथ क्या कर रहे हैं। मैंने पाया कि वह भ्रमित था।’’
जैन की पोस्ट व्यापक रूप से प्रसारित हुयी और सैकड़ों लोगों ने उसे दोबारा पोस्ट किया और उन पर टिप्पणी की। भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि वीडियो ऑनलाइन सामने आने के बाद वह स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है।
जैन ने दावा किया कि हर दिन तीन-चार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अब भी यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि इस बच्चे के साथ क्या हुआ। क्या वह कभी अपने माता-पिता के पास पहुंचा?’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बच्चे को उसके माता-पिता से मिलवाने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। यही मेरी इच्छा है।’’
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इजराइल ने कहा है कि उसे जानकारी मिली है कि ब्रिटेन उसके दो कैबिनेट मंत्रियों पर प्रतिबंध लगाएगा।
विदेश मंत्री गिदोन सार ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि करते समय सार्वजनिक रूप से उनके नाम नहीं बताए, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिबंध के जरिये इजराइली बस्तियों के कट्टर समर्थक इटमार बेन-ग्वीर और बेजेलेल स्मोट्रिच को निशाना बनाया जाएगा।
बेन-ग्वीर और स्मोट्रिच दोनों ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों को स्वीकार किया।
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रूस ने मंगलवार तड़के यूक्रेन के दो शहरों पर बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइल के जरिये हमले किये, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। यूक्रेन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक बयान में हमले को युद्ध के दौरान ‘‘अब तक के सबसे बड़े हमलों में से एक’’ बताया। उन्होंने कहा कि रूस ने रात के दौरान 315 ड्रोन और सात मिसाइल दागीं। उन्होंने कहा कि दागे गए ड्रोन में से अधिकतर ‘शहीद’ ड्रोन थे।
जेलेंस्की ने हमले के मद्देनजर अमेरिका और यूरोप से ‘‘ठोस कार्रवाई’’ का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘रूसी मिसाइल और शहीद ड्रोन हमलों की गूंज, रूस को शांति के रास्ते पर आने के लिए मजबूर करने के अमेरिका और दुनिया भर के अन्य देशों के प्रयासों से अधिक जोरदार है।’’
ओडेसा के प्रांतीय प्रमुख ओलेह किपर ने कहा कि हमले में दक्षिणी बंदरगाह शहर के केंद्र में स्थित एक प्रसूति अस्पताल और आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
क्षेत्रीय अभियोजक कार्यालय के एक बयान के अनुसार, शहर में दो लोग मारे गए और नौ घायल हो गए। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने बताया कि राजधानी पर हुए हमले में चार लोग घायल हो गए।
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रूस ने मंगलवार तड़के यूक्रेन के दो शहरों पर बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइल के जरिये हमले किये, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। यूक्रेन के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह हमला राजधानी कीव और दक्षिणी बंदरगाह शहर ओडेसा में हुआ।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक बयान में हमले को युद्ध के दौरान ‘‘अब तक के सबसे बड़े हमलों में से एक’’ बताया। उन्होंने कहा कि रूस ने रात के दौरान 315 ड्रोन और सात मिसाइल दागीं। उन्होंने कहा कि दागे गए ड्रोन में से अधिकतर ‘शहीद’ ड्रोन थे।
जेलेंस्की ने हमले के मद्देनजर अमेरिका और यूरोप से ‘‘ठोस कार्रवाई’’ का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘रूसी मिसाइल और शहीद ड्रोन हमलों की गूंज, रूस को शांति के रास्ते पर आने के लिए मजबूर करने के अमेरिका और दुनिया भर के अन्य देशों के प्रयासों से अधिक जोरदार है।’’
ओडेसा के प्रांतीय प्रमुख ओलेह किपर ने कहा कि हमले में दक्षिणी बंदरगाह शहर के केंद्र में स्थित एक प्रसूति अस्पताल और आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।
क्षेत्रीय अभियोजक कार्यालय के एक बयान के अनुसार, शहर में दो लोग मारे गए और नौ घायल हो गए। हमले में कीव के ओबोलोन जिले में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए।
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