
ईरान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के संचालन मंडल के प्रस्ताव को ‘‘ईरान विरोधी’’ बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अंतराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने बृहस्पतिवार को मांग की कि ईरान एजेंसी के साथ पूर्ण सहयोग करे और हथियार बनाने के स्तर के अपने यूरेनियम भंडार के बारे में ‘‘सटीक जानकारी’’ प्रदान करे तथा अपने निरीक्षकों को ईरानी परमाणु स्थलों तक पहुंच प्रदान करे।
शुक्रवार को आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी की एक रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई के हवाले से कहा गया कि ईरान ने वियना स्थित आईएईए को एक पत्र में सूचित किया है कि काहिरा में किये गए समझौते को समाप्त करने के अलावा, ईरान सरकार बृहस्पतिवार के प्रस्ताव के जवाब में ‘‘अन्य कार्रवाई’’ कर सकती है।
इजराइल के साथ युद्ध के बाद, ईरान ने आईएईए के साथ सभी प्रकार के सहयोग रोक दिए। इसके बाद एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने सितंबर की शुरुआत में काहिरा में ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची के साथ निरीक्षण फिर से शुरू करने पर सहमति जताई।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे।
मोदी गौतेंग स्थित वाटरलूफ वायुसैनिक अड्डे (एएफबी) पहुंचे, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। इस मौके पर कलाकारों ने सांस्कृतिक गीत और नृत्य पेश किया।
प्रधानमंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रमों के लिए जोहानिसबर्ग पहुंच गया हूं। प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा की आशा करता हूं। हमारा ध्यान सहयोग को मजबूत करने, विकास प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर होगा।”
यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है। 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।
शिखर सम्मेलन से इतर मोदी के जोहानिसबर्ग में मौजूद कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है। वह भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के त्रिपक्षीय समूह ‘आईबीएसए’ के छठे शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।
मोदी ने जोहानिसबर्ग रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट में कहा, “दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करूंगा। यह एक खास शिखर सम्मेलन है, क्योंकि यह अफ्रीका में आयोजित हो रहा है। इसमें विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन के दौरान कई विश्व नेताओं से मुलाकात करूंगा।”
उन्होंने लिखा, “मैं शिखर सम्मेलन में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप भारत का रुख पेश करूंगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि इस साल के जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय ‘एकजुटता, समानता और स्थिरता’ है, जिसके जरिये दक्षिण अफ्रीका ने नयी दिल्ली और रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) में आयोजित पिछले शिखर सम्मेलनों के परिणामों को आगे बढ़ाया है।
मोदी ने कहा, “मैं शिखर सम्मेलन से इतर साझेदार देशों के नेताओं के साथ होने वाली अपनी बातचीत और इस दौरान आयोजित होने वाले छठे आईबीएसए शिखर सम्मेलन में अपनी भागीदारी को लेकर उत्सुक हूं।”
उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान, मैं दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत को लेकर भी उत्सुक हूं, जो भारत के बाहर सबसे बड़े प्रवासी समूह में से एक है।” प्रधानमंत्री के जी-20 शिखर सम्मेलन के तीनों सत्रों को संबोधित करने की उम्मीद है।
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पाकिस्तान के फैसलाबाद में मलिकपुर इलाके के पास एक फैक्ट्री में बड़ा गैस धमाका हुआ है। स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को हुए इस धमाके में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने शुरुआती जानकारी में रेस्क्यू अधिकारियों के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फैक्ट्री का बॉयलर फटने के बाद एक बिल्डिंग और आसपास का ढांचा गिर गया।
रेस्क्यू टीम ने बताया कि धमाका गैस लीक होने की वजह से हुआ था। फैसलाबाद कमिश्नर ऑफिस की तरफ से भी धमाके को लेकर एक बयान जारी किया गया।
बयान के अनुसार फैक्ट्री में कोई बॉयलर नहीं था और मलिकपुर इलाके में चार फैक्ट्रियां चालू थीं। गैस लीक होने की वजह से एक फैक्ट्री में आग लग गई और दूसरी फैक्ट्रियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। धमाके से इलाके के सात घर भी प्रभावित हुए।
धमाके के बाद फैक्ट्री और आसपास के घरों की छत भरभरा गई। कमिश्नर ऑफिस ने कहा कि मलबे से 15 लाशें निकाली गईं। 10 घायल लोगों को अस्पताल ले जाया गया और तीन को फर्स्ट एड के बाद छुट्टी दे दी गई। घटना की जांच के लिए पांच लोगों की एक टीम बनाई गई।
घटना की शुरुआत में जो बयान जारी किया गया था, उसके अनुसार एक ग्लू फैक्ट्री में रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया और 20 से ज्यादा एम्बुलेंस और फायर टेंडर तैनात किए गए। फैसलाबाद कंट्रोल रूम को स्थानीय समयानुसार सुबह 5:28 बजे ग्लू फैक्ट्री में धमाके के बारे में कॉल आया।
पाकिस्तान के अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, 10 नवंबर को पाकिस्तान के पंजाब के हरबंसपुरा इलाके में एक घर में गैस धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई और सात दूसरे घायल हो गए। रेस्क्यू अधिकारियों ने कहा कि नादिर मार्केट में एक घर में धमाका होने के बाद इमरजेंसी रिस्पॉन्स शुरू किया गया।
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रूस और यूक्रेन के बीच काफी लंबे समय से संघर्ष जारी है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में हमास और इजरायल के बीच शांति समझौता करा दिया। अब उनकी कोशिशें रूस और यूक्रेन के लिए शुरू हो गई हैं। ट्रंप ने रूस के साथ मिलकर यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए 28 प्वाइंट्स में ड्राफ्ट तैयार किया है।
गाजा के लिए ट्रंप ने 20 सूत्रीय प्लान तैयार किया था। वहीं, यूक्रेन के लिए 28 सूत्रीय पीस प्लान तैयार किया गया है। ट्रंप के इस 28 सूत्रीय पीस प्लान पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की प्रतिक्रिया भी आ गई है।
एक तरफ यूक्रेन के अधिकारियों ने ट्रंप के इस ड्राफ्ट को बेतुका, अस्वीकार्य और अपनी संप्रभुता पर सीधा हमला बताया है। वहीं, जेलेंस्की ने भी कहा कि वह रूस के साथ जंग खत्म करने के लिए अमेरिका के 'विजन' पर उनके साथ काम करने को तैयार हैं।
प्लान के अनुसार कीव पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क इलाके के उन बड़े इलाकों को छोड़ देगा, जिन पर अभी भी उसका कंट्रोल है। इसके अलावा, वह अपने सैनिकों की संख्या कम करेगा। इसके अलावा, इस प्लान में जो सबसे अहम बात कही गई, वो यह है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न होने का वादा करेगा। हालांकि, इसके लिए जेलेंस्की पहले ही मना कर चुके हैं। ऐसे में अब देखना है कि क्या ट्रंप के इस 28 सूत्रीय समझौते को यूक्रेन मानता है या नहीं।
पीस प्लान के अनुसार यूक्रेन के क्रीमिया, लुहांस्क और डोनेट्स्क इलाकों को असल में रूस का हिस्सा माना जाएगा। इसमें अपनी मिलिट्री की संख्या को लिमिट करने और समय के साथ मॉस्को पर लगे बैन हटाने का भी प्रस्ताव है। यूक्रेन को 100 दिनों में चुनाव कराने होंगे और नाटो मेंबरशिप की कोई भी उम्मीद छोड़नी होगी।
यूक्रेन को अमेरिका की सिक्योरिटी गारंटी मिलेगी। हालांकि, इसके लिए वॉशिंगटन को पैसे देने होंगे। अमेरिका को यूक्रेन को फिर से बनाने और वहां इन्वेस्ट करने के लिए मुनाफे का 50 फीसदी भी मिलेगा और बैन हटने के बाद रूस के साथ इकोनॉमिक पार्टनरशिप भी करेगा।
जेलेंस्की के ऑफिस ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन को ऑफिशियली वॉशिंगटन से एक ड्राफ्ट प्लान मिला है, जिसके बारे में अमेरिका की तरफ से माना जा रहा है कि इससे डिप्लोमेसी को फिर से मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
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