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दुनिया की खबरें: लेबनान में इजरायली ड्रोन स्ट्राइक और तारिक रहमान 17 साल बाद बांग्लादेश लौटे

लेबनान की सरकारी न्यूज एजेंसी ने भी दावा किया कि सीरियाई सीमा की ओर जाने वाली सड़क पर एक गाड़ी को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में दो लोग मारे गए।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

इजरायली सेना ने दावा किया है कि लेबनान में किए गए एक ड्रोन हमले में ईरानी कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर मारे गए। ये ईरान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। इसी साल इजरायली एयर स्ट्राइक में ईरान के तीन टॉप कमांडर्स मारे गए थे।

द टाइम्स ऑफ इजरायल ने आईडीएफ और शिन बेट के हवाले से बताया, "गुरुवार सुबह उत्तर-पूर्वी लेबनान में ईरान के कुद्स फोर्स की ऑपरेशंस यूनिट के एक टॉप कमांडर को ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया।"

लेबनान की सरकारी न्यूज एजेंसी ने भी दावा किया कि सीरियाई सीमा की ओर जाने वाली सड़क पर एक गाड़ी को निशाना बनाकर किए गए इजरायली ड्रोन हमले में दो लोग मारे गए।

इजरायली बयान में कहा गया है कि उनका टारगेट हुसैन महमूद मर्शाद अल-जौहरी थे, जो कथित तौर पर हाल के वर्षों में "सीरिया-लेबनान क्षेत्र में इजरायल के खिलाफ आतंकवादी साजिशों को आगे बढ़ाने में शामिल थे।"

इसमें कहा गया है कि ऑपरेशंस यूनिट, जिसे यूनिट 840 के नाम से भी जाना जाता है, "वह यूनिट है जो इजरायल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को निर्देशित करती है और उसके लिए जिम्मेदार है।" सेना ने हमले का ड्रोन फुटेज भी जारी किया है।

यरुशलम पोस्ट के मुताबिक मारे गए कमांडर अल-जवाहिरी एक बहुत ही प्रोफेशनल इंटेलिजेंस एजेंट थे, जिनके पास आम एलीट कुद्स फोर्स के टेरर एजेंटों से भी ज्यादा कई असाधारण क्षमताएं थीं।

बता दें, ईरान के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गॉर्ड्स कोर (आईआरजीसी) के कमांडर हुसैन सलामी की 13 जून को इजरायली हमले में मौत हो गई थी। 65 साल के सलामी को इजरायल और अमेरिका समेत ईरान के विरोधियों के खिलाफ सबसे हार्ड लाइन अपनाने के लिए जाना जाता था। मई 2025 में ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर किसी देश ने हमले की ज़ुर्रत की तो उनके लिए तेहरान 'नरक के दरवाजे' खोल देगा।

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थाईलैंड-कंबोडिया सीमा वार्ता दूसरे दिन भी जारी, हालात में सुधार

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद पर चल रही सैन्य वार्ता गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। थाई सेना ने घोषणा की कि सीमा पर कुल झड़पों की तीव्रता में सामान्य रूप से कमी आई है, हालांकि कुछ स्थानीय क्षेत्रों में गोलीबारी जारी है।

थाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वार्ता थाईलैंड के चांथाबुरी प्रांत में बॉर्डर चेकपॉइंट पर बैठक आयोजित की गई। यहां दोनों देशों के रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने कंबोडिया-थाईलैंड जनरल बॉर्डर कमिटी (जीबीसी) के तहत सुबह 9 बजे बैठक बुलाई। वार्ता चार दिनों तक चलने की उम्मीद है, जिसमें आसियान पर्यवेक्षक टीम (मलेशिया से) भी मौजूद है।

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मीटिंग में लगभग 30 कंबोडियन प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।

गुरुवार को हुई एक प्रेस ब्रीफिंग में, थाई सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरान दोनों देशों के बीच सीमा पर हालात कुछ हद तक सुधरे हैं, झड़प कम हुई है और गोलीबारी सिर्फ कुछ खास इलाकों तक ही सीमित रही है।

वहीं, थाईलैंड की सेकंड आर्मी एरिया कमांड ने गुरुवार को बताया कि ता क्वाई मंदिर इलाके में बारूदी सुरंग हटाने के अभियान में लगे दो थाई सैनिक लैंडमाइन ब्लास्ट से घायल हो गए।

इस बीच, कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, गुरुवार को संघर्ष के दौरान एक और कंबोडियाई नागरिक मारा गया, जिससे कंबोडिया में नागरिकों की मौत का आंकड़ा 31 तक पहुंच गया है।

थाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सुरासंत कोंगसिरी ने बुधवार को कहा कि सचिवालय की बैठक बुधवार से शुक्रवार तक होगी, और अगर ये शुरुआती बातचीत बिना किसी रुकावट के होती है, तो शनिवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच एक बैठक होगी।

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष की नई लहर तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर गई है। 800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर, लगभग रोजाना सैन्य झड़प हो रही थी, जिससे कई जगहों पर खींचतान की स्थिति बन गई थी और थाईलैंड के सात सीमावर्ती प्रांत प्रभावित हुए थे। 8,00,000 से ज्यादा निवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया तो वहीं दर्जनों सैनिकों और नागरिकों की मौत हो गई।

फिलहाल, यह संघर्ष सैन्य कार्रवाई से आगे बढ़कर सरकारी स्तर पर सूचना और कूटनीतिक दांव-पेच की बहुआयामी प्रतिद्वंद्विता में बदल गया है, और संघर्ष विराम प्रक्रिया विभिन्न कारणों से बाधित हो रही है।

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नाइजीरिया : मस्जिद में धमाके से कम से कम 10 लोगों की मौत

नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी शहर मैदुगुरी में एक मस्जिद में शाम की नमाज के दौरान जोरदार विस्फोट हुआ। यह शहर बोर्नो राज्य की राजधानी है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस धमाके में कम से कम दस नमाजियों की मौत हो गई।

यह घटना बुधवार शाम की है। इसके बाद एक बार फिर इलाके में हिंसा बढ़ने की आशंका गहरा गई है। यह क्षेत्र पिछले कई वर्षों से हिंसा का सामना करता रहा है। अब तक किसी भी सशस्त्र समूह ने इस विस्फोट की जिम्मेदारी नहीं ली है।

मिलिशिया नेता बाबाकुरा कोलो ने बम विस्फोट होने की आशंका जताई है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भी मैदुगुरी में उग्रवादियों ने मस्जिदों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाया है। इसके लिए आत्मघाती हमलावरों और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का इस्तेमाल किया गया था।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह धमाका गैंबोरू मार्केट इलाके की एक भीड़भाड़ वाली मस्जिद के अंदर हुआ। वहां लोग शाम की नमाज के लिए जुटे थे। अचानक हुए विस्फोट से अफरा-तफरी मच गई। मलबा और धुआं फैल गया, और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे।

कोलो ने बताया कि शुरुआती जांच से लगता है कि विस्फोटक मस्जिद के अंदर रखा गया था, जिसे नमाज के बीच में विस्फोट किया गया। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि यह हमला किसी आत्मघाती हमलावर की ओर से किया गया हो सकता है, लेकिन अधिकारियों ने इसकी अब तक पुष्टि नहीं की है।

बोर्नो लंबे समय से बोको हराम और उससे जुड़े इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस जैसे जिहादी संगठनों की हिंसा का केंद्र रहा है। हालांकि पूरे क्षेत्र में हिंसा होती रही है, लेकिन शहर में हाल के वर्षों में कोई बड़ा हमला नहीं हुआ है। ऐसे में यह घटना लोगों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद चिंताजनक है।

बोको हराम ने साल 2009 में बोर्नो राज्य से अपना विद्रोह शुरू किया था। उसका मकसद एक इस्लामिक शासन स्थापित करना बताया जाता है। नाइजीरियाई सेना और पड़ोसी देशों के साथ मिलकर की गई लगातार कार्रवाई के बावजूद, उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया में छिटपुट हमले अब भी आम नागरिकों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, साल 2009 से जारी इस हिंसा में अब तक कम से कम 40,000 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, करीब बीस लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। इस संघर्ष का मानवीय असर बहुत गहरा रहा है। बार-बार होने वाली हिंसा से कई समुदाय उजड़ गए हैं।

हालांकि, पिछले दशक की तुलना में हमलों में कमी आई है, लेकिन हिंसा नाइजीरिया की सीमाओं से परे पड़ोसी नाइजर, चाड और कैमरून तक फैल गई है। इससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा चुनौतियां और बढ़ गई हैं। अब एक बार फिर आशंका जताई जा रही है कि उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के कुछ हिस्सों में हिंसा दोबारा तेज हो सकती है।

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बीएनपी के नेता तारिक रहमान 17 साल के स्वनिर्वासन के बाद बांग्लादेश लौटे

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान 17 साल से अधिक समय तक स्वनिर्वासन में रहने के बाद बृहस्पतिवार को ढाका पहुंच गए, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।

रहमान की वापसी को 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरने के कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे रहमान (60) चुनाव में प्रधानमंत्री पद के लिए अग्रणी दावेदार के तौर पर उभरे हैं। हालांकि बीएनपी को चुनाव में देश की इस्लमी पार्टी जमात-ए-इस्लामी से कड़ी टक्कर मिल सकती है। जिया बीमार हैं और उनका उपचार किया जा रहा है।

रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है जब प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से देश में अशांति और राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है जिसने पूरे बांग्लादेश को अपनी चपेट में ले लिया है। हादी ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाई थी।

बीएनपी के सचिव जनरल मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और पार्टी के अन्य नेताओं ने कड़ी सुरक्षा के बीच ढाका में हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे पर रहमान का स्वागत किया। रहमान के साथ उनकी पत्नी जुबैदा रहमान और बेटी जैमा रहमान भी थीं।

बीएनपी फरवरी में होने वाले चुनावों में सत्ता हासिल करने के लिए प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की पार्टी अवामी लीग के चुनाव में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

वर्ष 2001 से 2006 तक बीएनपी के कार्यकाल के दौरान पार्टी की सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी अब उसकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानी जा रही है क्योंकि अंतरिम सरकार ने देश के कठोर आतंकवाद-रोधी कानून के तहत एक कार्यकारी आदेश के जरिए अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

बीएनपी ने जब लंदन से रहमान की वापसी की योजना की घोषणा की थी, तो रहमान ने कहा था, "जिस तरह कोई बच्चा, अपनी गंभीर रूप से बीमार मां के संकट के समय उसके पास होना चाहता है, वैसे ही मैं बांग्लादेश लौटना चाहता हूं।"

रहमान की ढाका वापसी ऐसे समय में हुई है जब बांगलादेश-भारत संबंध तेजी से खराब हो रहे हैं।

बीएनपी नेता हवाई अड्डे से बुलेटप्रूफ बस में सवार होकर रवाना हुए। वह एक भव्य स्वागत समारोह में शामिल होने वाले हैं, जहां उनके हजारों समर्थक उनका स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

हवाई अड्डे से रवाना होने से पहले, रहमान ने फोन पर बातचीत में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद युनूस को धन्यवाद किया। यूनुस ने उनकी सुरक्षा के लिए की गई व्यवस्था और उनके घर वापसी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए समर्थन दिया था।

बीएनपी की ओर से साझा किए गए एक वीडियो में रहमान को यह कहते हुए देखा गया, "मैं अपनी और अपने परिवार की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं। खासकर, मेरी सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के लिए कर्तज्ञता जताता हूं।"

रहमान ढाका के एवरेकेयर अस्पताल में अपनी मां और बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया (88) से मिलने जाएंगे।

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