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दुनिया की खबरें: भारत के आक्रामक तेवर से परेशान पाकिस्तान और भारत के साथ संघर्ष की आशंका बढ़ी!

एक अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा के बाद उत्तरी क्षेत्रों के लिए उड़ानें निलंबित करने का निर्णय लिया गया। एहतियात के तौर पर पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के लिए अन्य सभी उड़ानें भी अस्थायी रूप से रोक दी गई।"

फोटो: IANS
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पाकिस्तान ने पहलगाम हमले के बाद भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच बुधवार को गिलगित और स्कार्दू के लिए सभी घरेलू उड़ानें रद्द करने की घोषणा की।

एक अधिकारी ने कहा, "राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा के बाद उत्तरी क्षेत्रों के लिए उड़ानें निलंबित करने का निर्णय लिया गया। एहतियात के तौर पर पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों के लिए अन्य सभी उड़ानें भी अस्थायी रूप से रोक दी गई।"

विदेशी उड़ानों की भी कड़ी निगरानी शुरू की गई। जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) को सभी आने वाले विदेशी विमानों की जांच करने का निर्देश दिया गया।

पाकिस्तान पहले ही भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर चुका है। इस संबंध में, एक नोटिस फॉर एयरमेन (एनओटीएएमएन) जारी किया गया, जिसमें भारतीय एयरलाइनों को पाकिस्तान के आसमान से शुरू में एक महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया। सहित भारतीय एयरलाइनों को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया। प्रतिबंध भारतीय सैन्य और वीआईपी विमानों की आवाजाही पर भी लागू हैं।

आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जैसे कई कदम उठाए।

भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने जैसे कुछ फैसले लिए।

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भारत के साथ संघर्ष की आशंका बढ़ती जा रही है: पाकिस्तानी रक्षा मंत्री

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव कम करने के लिए विभिन्न देशों की ओर से किये जा रहे प्रयासों के बावजूद समय गुजरने के साथ भारत के साथ संघर्ष की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं।

आसिफ ने यह टिप्पणी संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए की, जहां उनसे देश की सुरक्षा स्थिति के बारे में पूछा गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘समय गुजरने के साथ संघर्ष की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं, कम नहीं हो रही हैं। हालांकि कई देश इस स्थिति को टालने की कोशिश कर रहे हैं।’’

आसिफ ने पाकिस्तान पर किसी भी हमले की स्थिति में भारत को उचित जवाब देने की प्रतिबद्धता जताई, लेकिन पाकिस्तानी कार्रवाई का ब्योरा देने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि भारत की ओर से कोई उल्लंघन किया जाता है, तो हम जवाब देंगे और हमारी प्रतिक्रिया भारतीय कार्रवाई पर निर्भर करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी प्रतिक्रिया के बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि “भारत को समझदारी दिखानी होगी” लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जमीनी स्तर पर इसका कोई सबूत नहीं है क्योंकि तनाव में कोई कमी नहीं आई है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के बारे में अटकलें नहीं लगाना चाहता, लेकिन यह भारतीय कार्रवाई से बड़ी होगी।’’

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अमेरिका में घर में गोलीबारी में भारतीय मूल के तीन लोगों की मौत

अमेरिका के वाशिंगटन प्रांत में एक घर में गोलीबारी की घटना में भारतीय मूल के तीन लोगों की मौत हो गयी।

स्थानीय मीडिया में आई खबरों के अनुसार यह घटना 24 अप्रैल को वाशिंगटन प्रांत के न्यूकैसल शहर में घटी।

दैनिक समाचार पत्र सिएटल टाइम्स की खबर के मुताबिक मृतकों की पहचान हर्षवर्धन किक्केरी (44), श्वेता पन्याम (41) और ध्रुव किक्केरी( 14) के रूप में हुई है।

खबर में किंग काउंटी मेडिकल परीक्षक कार्यालय के हवाले से कहा गया है कि पुलिस ने श्वेता और ध्रुव की मौत को हत्या माना है, जबकि हर्षवर्धन की मौत को खुदकुशी बताया है।

पड़ोसियों ने कोमो न्यूज को बताया कि जिस घर में गोलीबारी की यह घटना हुई, वहां एक परिवार रहता था।

गोलीबारी की रात को 911 पर कॉल आने के बाद अधिकारियों को 129वीं स्ट्रीट पर स्थित टाउनहाउस में बुलाया गया। किंग 5 टेलीविजन स्टेशन ने कहा कि उसके क्रू ने एक बच्चे को घर से बाहर निकलते हुए देखा और जांचकर्ताओं ने उसे सांत्वना दी।

अपुष्ट रिपोर्टों के अनुसार हर्षवर्धन और श्वेता कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) तकनीक क्षेत्र की कंपनी होलोवर्ल्ड के मालिक थे।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार इसकी स्थापना 2018 में दोनों ने मिलकर की थी। इसमें हर्षवर्धन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ) के रूप में कार्यरत थे जबकि श्वेता कंपनी की अध्यक्ष थीं।

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पाकिस्तान : रावलपिंडी में इलाज के लिए भटक रहे मरीज, सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल जारी

रावलपिंडी में तीन प्रमुख सरकारी अस्पतालों में चल रही डॉक्टर्स की हड़ताल से हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। पंजाब सरकार की सार्वजनिक अस्पतालों को आउटसोर्स करने की योजना के विरोध में यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन (वाईडीए) पिछले सप्ताह से हड़ताल पर है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स ने वाईडीए पंजाब के आह्वान पर तीन अस्पतालों में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं का बहिष्कार किया। इनमें होली फैमिली अस्पताल (एचएफएच), बेनजीर भुट्टो अस्पताल (बीबीएच) और रावलपिंडी टीचिंग अस्पताल (आरटीएच) राजा बाजार शामिल हैं।

ओपीडी सेवाएं ठप हो जाने के चलते तीनों अस्पतालों में मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने सूत्रों के हवाले से बताया कि संभागीय प्रशासन के अधिकारियों ने अस्पतालों का दौरा किया। हालांकि कथित तौर पर ओपीडी में सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन (वाईडीए) को मनाने के लिए कुछ नहीं किया।

रावलपिंडी टीचिंग अस्पताल के मरीजों ने हड़ताल की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार अपने दावों के बावजूद बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि डॉक्टर अक्सर हर महीने हड़ताल पर जाते हैं।

बीबीएच के एक मरीज रियाज खान ने कहा, "ज्यादातर गरीब लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में आते हैं, लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं है।"

'डॉन' से बात करते हुए वाईडीए बीबीएच के अध्यक्ष आरिफ अजीज ने कहा कि मंगलवार को रावलपिंडी के तीन प्रमुख शिक्षण अस्पतालों में वाईडीए की ओपीडी हड़ताल का नौवां दिन था, लेकिन न तो संभागीय प्रशासन और न ही अस्पताल प्रशासन ने उनसे संपर्क किया।

अजीज ने कहा, "यह विरोध वेतन को लेकर नहीं है। यह पूरी तरह से अस्पतालों की आउटसोर्सिंग के खिलाफ है। हम स्वास्थ्य सेवा के निजीकरण की अनुमति नहीं देंगे। अगर अस्पतालों को आउटसोर्स किया गया तो गरीब मरीज किफायती इलाज से वंचित हो जाएंगे।" उन्होंने कहा, "हमारा संघर्ष जन कल्याण और सरकारी संस्थाओं की सुरक्षा के लिए है। जब तक सरकार आउटसोर्सिंग योजना को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं कर देती, ओपीडी हड़ताल जारी रहेगी।"

इस बीच, पंजाब भर के युवा डॉक्टर्स ने कई सरकारी अस्पतालों के ऑपरेशन थिएटर बंद कर दिए । उन्होंने यह कदम पुलिस की ओर से सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं के कर्मचारियों के विरोध शिविर को उखाड़ दिए जाने के बाद उठाया।

पुलिस ने विभिन्न आरोपों में 200-300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की।

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए, वाईडीए पाकिस्तान के अध्यक्ष डॉ. आतिफ मजीद ने सरकारी अस्पतालों के कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस एफआईआर की निंदा की। उन्होंने दावा किया कि वे अपनी 'वैध मांगों' के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

स्थानीय मीडिया ने बताया कि पिछले सप्ताह वाईडीए की पंजाब शाखा ने प्रांतीय राजधानी की सभी मुख्य सड़कों पर धरना देकर लाहौर को बंद करने की घोषणा की थी, ताकि पंजाब सरकार को प्रांत में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को आउटसोर्स करने के निर्णय की समीक्षा करने के लिए मजबूर किया जा सके।

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सीरिया : दमिश्क के निकट सांप्रदायिक हिंसा जारी, मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 18

दमिश्क के दक्षिणी उपनगरों में सांप्रदायिक अशांति के बीच झड़पें तेज हो गई हैं। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (एसओएचआर) के अनुसार, अशरफियात सहनाया में आरपीजी सहित हल्के और मध्यम हथियारों के साथ फिर से संघर्ष होने की सूचना मिली है।

सहनया और अशरफियत सहनया में गोलीबारी और कम से कम एक विस्फोट की खबर मिली है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह विस्फोट मोर्टार शेल के कारण हुआ था। इसके चलते जनरल सुरक्षा निदेशालय को दोनों शहरों में रात्रि कर्फ्यू लागू करना पड़ा।

एसओएचआर ने बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई। मृतकों में जरामाना, सहनाया, अशरफियत सहनाया क्षेत्रों के नौ निवासी और सरकार समर्थक बलों के नौ सदस्य शामिल हैं। कम से कम 15 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। लगातार अस्थिरता के कारण हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

इस झड़प से पहले जरामाना एक और बड़ी झड़प हुई थी। इसकी शुरुआत कथित तौर पर इस्लाम के लिए अपमानजनक मानी जाने वाली एक ऑडियो रिकॉर्डिंग के ऑनलाइन प्रसार से हुई, जिसे कथित तौर पर एक अन्य धार्मिक समुदाय के एक सदस्य ने बनाया था।

इस घटना ने सीरिया के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया, जिसमें अलेप्पो और होम्स जैसे विश्वविद्यालय शहर भी शामिल हैं, और अब यह और भी फैलता हुआ प्रतीत होता है, सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंगलवार शाम को सहनाया के ऊपर इजरायली टोही विमानों की भी सूचना मिली, हालांकि हमलों की कोई रिपोर्ट नहीं थी।

आगे की हिंसा की आशंका में, जरामाना में आंतरिक मंत्रालय के बलों को तैनात किया गया जबकि निवासियों ने क्षेत्र से भागना शुरू कर दिया। एसओएचआर के अनुसार, कई परिवारों ने शहर छोड़ दिया।

अशांति की नवीनतम लहर ने व्यापक सांप्रदायिक संघर्ष की संभावना के बारे में चिंता बढ़ा दी है।

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पाक सेना प्रमुख से जुड़ी है पहलगाम हमले की कड़ी, पाकिस्तान का साइबर हमला विफल

पाकिस्तान को भारत के खिलाफ जमीनी स्तर पर सफलता नहीं मिली, तो उसने साइबर युद्ध छेड़ दिया, जिसे भारत ने पूरी तरह से नाकाम कर दिया है। वहीं, पहलगाम हमले की बात करें तो इसकी जड़ में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा दिया गया भड़काऊ और भारत विरोधी बयान है।

मुनीर ने इस्लामाबाद में 16 अप्रैल को प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भड़काऊ बातें कही थीं। इसके दो दिन बाद, 18 अप्रैल को, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के खैगला, रावलकोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक नेता ने भारत विरोधी जहरीला भाषण दिया, जिसमें भारतीय सेना द्वारा मारे गए दो आतंकवादियों का बदला लेने की धमकी दी गई। इस बयानबाजी के बाद ही लश्कर के ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने भारत के पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 निर्दोष भारतीय पर्यटकों की नृशंस हत्या की।

रक्षा सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी साझा की। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारत ने मंगलवार को डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) की हॉटलाइन बातचीत में पाकिस्तान को चेतावनी दी है।

दरअसल, टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का ही दूसरा नाम है, जो पाकिस्तान की सैन्य-खुफिया एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में काम करता है। यह हमला कोई अकेली घटना नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी ताकि भारत में डर और अस्थिरता फैलाई जा सके।

पिछले सप्ताह, पाकिस्तानी साइबर ऑपरेटरों ने भारतीय सैन्य वेबसाइट्स जैसे आर्मी नर्सिंग कॉलेज, आर्मी पब्लिक स्कूल, आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन, आर्मी वेलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गनाइजेशन आदि को निशाना बनाया। हालांकि, वे भारतीय सेना की मुख्य साइबर सुरक्षा प्रणाली को भेद नहीं पाए, लेकिन बच्चों, महिलाओं और पूर्व सैनिकों से जुड़ी वेबसाइट्स पर हमला करके पाकिस्तान ने अपनी रणनीतिक सोच की नैतिक गिरावट को उजागर किया है।

आतंकवाद, सीमा पर आक्रामकता और साइबर हमले पाकिस्तान की राज्य-प्रायोजित दुश्मनी का प्रमाण हैं। भारत ने इन उकसावेपूर्ण कार्यों के बावजूद संयम और परिपक्वता का परिचय दिया है। दुनिया के कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है। हमले के बाद पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इस घटना को “फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन” बताकर भारत पर ही आरोप लगाने की कोशिश की। लेकिन, पाकिस्तान के ही रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने 26 अप्रैल को एक ब्रिटिश न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह स्वीकार कर लिया कि पाकिस्तान पिछले 30 वर्षों से आतंकवाद को समर्थन दे रहा है।

जहां दुनिया ने इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की, वहीं पाकिस्तान ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए 29 अप्रैल को जम्मू के परगवाल सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया। अप्रैल महीने में पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर अकारण फायरिंग और घुसपैठ की घटनाएं भी बढ़ गई हैं।

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस वर्ष अब तक पाकिस्तान ने 15 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है, 2,651 बार छोटे हथियारों से फायरिंग की है और 3 बार घुसपैठ की कोशिश की है, जिसमें 7 आतंकवादी मारे गए। भारत ने हर बार संयम दिखाया लेकिन प्रभावशाली जवाब भी दिया है। इसी क्रम में, पुंछ में भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच दो फ्लैग मीटिंग्स आयोजित की गईं, जिनमें भारत ने पाकिस्तानी सेना को चेताया कि वह घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन से बाज आए। साथ ही, दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हर मंगलवार को होने वाली हॉटलाइन बातचीत में भी भारत ने अपनी चेतावनी स्पष्ट रूप से दी है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की सहनशीलता की परीक्षा ली जा रही है, लेकिन संयम को कमजोरी समझना भूल होगी। पाकिस्तान की दोहरी नीति अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर उजागर हो चुकी है। भारत अगला कदम सोच-समझकर, सच्चाई, वैश्विक समर्थन और अपनी जनता की रक्षा की अटूट प्रतिबद्धता के साथ उठाएगा।

--आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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