
जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान का बयान आया है। पाकिस्तान ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में पर्यटकों के मारे जाने पर शोक व्यक्त करता है।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने हमले के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम अनंतनाग जिले में हुए हमले में पर्यटकों की जान जाने से चिंतित हैं। हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’
कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटन स्थल पर मंगलवार को आतंकवादियों ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला है।
पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सहयोगी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने मंगलवार को हमले की जिम्मेदारी ली।
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गाजा में इजरायली हमला जारी है। इस बीच गाजा शहर में एक स्कूल पर हुए इजरायली हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। जिस स्कूल पर इजरायल ने हमला किया, उसमें लोगों ने शरण ली हुई थी।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के रिकॉर्ड के प्रभारी अधिकारी जहीर अल-वहीदी ने बताया कि हताहतों को पास के शिफा अस्पताल ले जाया गया। इजरायली सेना की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई।
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रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रहे युद्ध के समापन के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में प्रगति के नाममात्र संकेत के बीच इन दोनों देशों के बीच संघर्षविराम समझौते को लेकर ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और यूक्रेन के राजनयिकों के बीच निर्धारित बैठक आखिरी घड़ी में टल गई।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने घोषणा की थी कि लंदन में होने वाली वार्ता में केवल निचले स्तर के अधिकारी ही शामिल होंगे। उससे पहले मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के चलते इसमें भाग लेने में असमर्थ हैं।
रुबियो के अचानक पीछे हटने से वार्ता की दिशा को लेकर संदेह पैदा हो गया। यह तब हुआ जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने किसी भी संभावित शांति समझौते के हिस्से के रूप में रूस को अपने देश का कोई भी इलाका सौंपने से इनकार कर दिया और इसे एक बेकार की बात कहा।
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इजरायल के विदेश मंत्रालय ने पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक संदेश वाली पोस्ट हटा ली है। मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करने और तुरंत इसे हटाने के अपने निर्णय पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पोस्ट में लिखा था, ‘‘पोप फ्रांसिस, आपकी आत्मा को शांति मिले। उनकी स्मृतियां आशीर्वाद बनी रहें।"
इजरायली मीडिया के अनुसार, इस पोस्ट पर कुछ राजदूत, खासतौर पर कैथलिक बहुल देशों में कार्यरत राजनयिक नाराज थे। पोप फ्रांसिस गाजा में इजरायल के युद्ध की आलोचना करते थे और वहां कैथलिक चर्च के बेहद करीब थे, लेकिन उन्होंने हमास से बंधकों को रिहा करने का आह्वान भी किया था और यहूदी विरोधी भावना में वृद्धि की निंदा की थी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पोप के निधन पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
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