अमेरिका और रूस के प्रतिनिधिमंडल ने रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान निकालने के लिए यूक्रेन की मौजूदगी के बिना मंगलवार को रियाद में एक बैठक की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिकी-रूस वार्ता में शामिल पक्षों ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम बनाने पर सहमति जताई है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी इस दौरान मौजूद रहे।
रुबियो ने बताया कि दूतावास में कर्मचारियों की संख्या बहाल करने पर भी सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों में की गई कार्रवाइयों ने दोनों देशों के राजनयिक मिशनों की संचालन क्षमता को कम कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "हमें ऐसे जीवंत राजनयिक मिशनों की जरुरत होगी जो इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए कार्य करने में सक्षम हों।" रूबियो ने कहा कि केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही 'युद्ध (यूक्रेन में) को खत्म करने में सक्षम हैं।
क्रेमलिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि रियाद में अमेरिका-रूस वार्ता 'सकारात्मक' प्रगति के साथ संपन्न हुई। उन्होंने कहा कि यह सभी मुद्दों पर एक गंभीर बातचीत थी। दोनों पक्ष एक-दूसरे के हितों को ध्यान में रखने पर सहमत हुए। अमेरिका और रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को रियाद में चार घंटे से अधिक समय तक बातचीत की।
हालांकि यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी इसमें शामिल नहीं थे। जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेता चिंतित हैं कि ट्रंप मास्को के साथ जल्दबाजी में कोई समझौता कर सकते हैं, जो उनके सुरक्षा हितों की अनदेखी करेगा और पुतिन को भविष्य में यूक्रेन या अन्य देशों को धमकाने के लिए स्वतंत्र छोड़ देगा। अमेरिकी-रूस प्रतिनिधियों की यह बैठक यूरोपीय नेताओं के लिए भी एक झटका है जो कि यूक्रेन संकट के समाधान में एक बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि वह उन वार्ताओं पर आधारित किसी भी समझौते को मान्यता नहीं देंगे जिनमें वह शामिल नहीं है।
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मिस्र ने गाजा से फलस्तीनी आबादी को हटाने और क्षेत्र पर नियंत्रण करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव के खिलाफ अरब देशों का एक आपात सम्मेलन स्थगित कर दिया है।मिस्र के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सम्मेलन अब चार मार्च को होगा, जो पहले 27 फरवरी को होना था। ट्रंप के प्रस्ताव से पश्चिम एशिया क्षेत्र में हलचल मच गई है।
फलस्तीनियों और अरब देशों ने गाजा की आबादी को विस्थापित करने के किसी भी कदम को खारिज कर दिया है, जबकि इजराइल ने इसका स्वागत किया है। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करके लोगों को विस्थापित होने पर मजबूर करने के समान होगा। ट्रंप का सुझाव है कि फलस्तीनियों को मिस्र और जॉर्डन में बसाया जा सकता है। हालांकि, दोनों देशों ने इस विचार को सिरे से खारिज कर दिया है। मिस्र ने कहा है कि इस प्रस्ताव से इजराइल के साथ लगभग 50 वर्ष पुराना उसका समझौता खतरे में पड़ जाएगा।
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दक्षिण कोरिया को अपनी बेहद कम जन्म दर और तेजी से बढ़ती उम्र से जुड़ी समस्याओं से निपटने के लिए अधिक विदेशियों को स्वीकार करने और अन्य व्यापक कदम उठाने की जरुरत है। राष्ट्रपति समिति के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही। सोल में आयोजित एक फोरम के दौरान, वृद्ध समाज और जनसंख्या नीति पर राष्ट्रपति समिति के उपाध्यक्ष जू ह्युंग-ह्वान ने कहा, "केवल जन्म दर को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, हमें अब अधिक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने, ज्यादा विदेशियों को आकर्षित करने जैसे समाधानों की जरुरत है।"
दक्षिण कोरिया गंभीर जनसांख्यिकीय परिवर्तन से गुजर रहा है। कई युवा शादी या बच्चे पैदा करने को स्थगित करने या छोड़ने का विकल्प चुनते हैं। जू ने कहा, "हमें ऐसे अच्छे माहौल का निर्माण करना चाहिए जो विदेशी प्रतिभाओं को आकर्षित करें, खास तौर पर उन्नत उद्योगों और युवा कार्यबल में। इसके अलावा सामाजिक एकीकरण के लिए नए उपाय करने चाहिए।"
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण कोरिया में रहने वाले विदेशियों की संख्या 2024 में लगभग 2.65 मिलियन हो गई, जो कुल जनसंख्या का लगभग 5 प्रतिशत है। दक्षिण कोरिया की घटती जन्म दर कई कारकों से प्रेरित है, जिसमें आवास की बढ़ती लागत, लैंगिक असमानता और बच्चों की परवरिश की उच्च लागत शामिल है। कई जोड़े वित्तीय दबावों और पर्याप्त सहायता प्रणालियों की कमी के कारण बच्चे पैदा करने में देरी करते हैं या ऐसा नहीं करने का फैसला करते हैं, जिससे जनसंख्या में गिरावट और भी गंभीर हो गई है। इस संकट के जवाब में, दक्षिण कोरियाई सरकार ने बच्चों के पालन-पोषण के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए कई तरह की नीतियों को लागू किया है।
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वेटिकन ने मंगलवार को सूचना जारी कर कहा कि पोप फ्रांसिस के अस्पताल में भर्ती होने के चलते सप्ताहांत तक उनके कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं और कुछ कार्यक्रम के लिए उनकी जगह अन्य लोगों को नियुक्त किया गया है। पोप के कार्यक्रम रद्द किए जाने का असर ‘द होली ईयर’ के आगामी आयोजनों पर भी पड़ेगा।
हर 25 वर्ष में आयोजित किया जाने वाला यह कार्यक्रम कैथोलिक धर्म का मुख्य उत्सव है जिसमें भाग लेने के लिए काफी संख्या में लोग रोम पहुंचते हैं। रोम में लगभग तीन करोड़ लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। पोप फ्रांसिस को शुक्रवार को ‘ब्रोंकाइटिस’ के उपचार के लिए रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने मंगलवार को भारत-कतर संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत व्यापार, ऊर्जा, निवेश, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी, खाद्य सुरक्षा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों नेताओं ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में व्यापक चर्चा की और आपसी हितों के क्षेत्रीय, वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी संबंध स्थापित करने के अलावा, दोनों पक्षों ने दोहरे कराधान से बचने और आयकर के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम पर समझौते भी किया।
इससे पहले, अमीर का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। उनके साथ मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल सहित एक उच्च स्तरीय डेलिगेशन भी आया हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक विशेष सम्मान के तौर पर सोमवार शाम को पालम स्थित वायुसेना स्टेशन का दौरा किया और अमीर की अगवानी की। मार्च 2015 के बाद यह उनकी दूसरी यात्रा थी। अमीर ने गर्मजोशी भरे स्वागत और उदार आतिथ्य के लिए प्रधानमंत्री, भारत सरकार और भारत के मैत्रीपूर्ण लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
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