बीजेपी पर लोकसभा चुनाव में सेना के नाम पर वोट मांगने के आरोप लग रहे हैं। हाल ही में एक चुनावी रैली में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय सेना को मोदी की सेना कहा था। जिसके पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। पूर्व सैनिक भी सेना का चुनावी इस्तेमाल करने के खिलाफ हैं। भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल रामदास ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर भाषणों में सेना के दुरुपयोग पर चिंता जताई है। उन्होंने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखकर इस पर रोक लागने की मांग की है। रामदास ने अपनी चिट्ठी में कहा है कि उनके इस मांग को कई सैन्य अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है। बता दें कि सोमवार को योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में एक चुनावी रैली में भारतीय सेना को मोदी की सेना कहकर संबोधित किया था। उनके इस भाषण पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है और रिपोर्ट भी मांगी है।
रामदास ने बालाकोट एयरस्ट्राइक पर हो रहे राजनीति पर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि इससे मतदाता प्रभावित हो सकते हैं। 27 फरवीर को पाक एयर फोर्स के द्वारा भारतीय सीमा में घूसने के प्रयासों को विफल करने वाले भारतीय एयर फोर्स के पायलट को सुरक्षित अपने देश लाने को लेकर हो रही राजनीति पर भी उन्होंने चुनाव आयोग को अवगत कराया है। अपने पत्र में उन्होंने चुनाव आयोग से कहा है कि 'कुछ पार्टियां चुनावी रैलियों, मीडिया, सार्वजनिक स्थानों पर नेताओं के साथ सेना की तस्वीरें दिखाकर अपना राजनीतिक एजेंडा आगे बढ़ा रही हैं।' एल. रामदास ने आगे लिखा है कि 'ऐसा करना पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि यह सुरक्षा बलों के वैल्यू सिस्टम को ध्वस्त करता है। यह भारतीय संविधान की भावना के भी खिलाफ है।'
पूर्व नौसेना प्रमुख ने चुनाव आयोग से इस मामले में तुरंत दखल देने का आग्रह किया है। उन्होंने चुनाव में सेना की तस्वीर या उससे जुड़ी कोई तस्वीर का उपयोग करने पर पाबंदी लगाने का भी आग्रह किया है।
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