महाराष्ट्र के नासिक में एक भयावह घटना सामने आई है। यहां ऑक्सीजन की आपूर्ति में रिसाव के कारण नासिक नगर निगम (एनएमसी) द्वारा संचालित अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहे कम से कम 22 मरीजों की मौत हो गई है। वहीं, अभी 12 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। महाराष्ट्र सरकार ने हादसे का शिकार हुए मरीजों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान करते हुए घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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यह घटना बीजेपी शासित एनएमसी द्वारा संचालित डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल में हुई, जो राज्य के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है। नासिक फिलहाल राज्य के सबसे बड़े कोरोना हॉटस्पॉट में से एक के रूप में उभरा है। अधिकारियों ने बताया कि कुछ तकनीकी कारणों से ऑक्सीजन का रिसाव हुआ और इसकी सप्लाई रुकने से वेंटीलेटर बेड पर रखे गए 22 रोगियों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया। जब यह घटना घटी, तब अस्पताल में करीब 150 मरीजों का ऑक्सीजन बेड पर अन्य दो दर्जन से अधिक रोगियों का वेंटिलेटर बेड पर इलाज चल रहा था।
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इस घटना पर पीएम मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि नासिक के अस्पताल में ऑक्सीजन लीक की घटना से 22 लोगों की मौत दिल दहलाने वाली है। पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में मरीजों की मौत की खबर बेहद दुखद है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं राज्य सरकार और पार्टी कार्यकर्ताओं से हर संभव सहायता प्रदान करने की अपील करता हूं।”
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इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने 22 लोगों की मौत के कारणों का खुलासा करते हुए कहा कि वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने से 22 लोगों की जान गई। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे बहुत ही गंभीर घटना बताया और जांच कराने की बात कही। टोपे अपने कैबिनेट सहयोगी छगन भुजबल और अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ स्थिति का आकलन करने के लिए नासिक के लिए निकल चुके हैं।
वहीं लोगों की मौत के बाद स्तब्ध परिजनों ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। जिसके बाद एनएमसी नगर आयुक्त कैलाश जाधव ने इस घटना की जांच का आदेश देते हुए सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। घटना के बाद लोगों के आक्रोश को देखते हुए और हंगामे को नियंत्रित करने के लिए नासिक पुलिस ने अस्पताल परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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घटना को लेकर शिवसेना नेता और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने हादसे पर दुख जताया और आश्वासन दिया कि इस घटना की जांच की जाएगी। एनसीपी नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी त्रासदी पर शोक व्यक्त किया और उच्च स्तरीय जांच का आश्वासन दिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने त्रासदी की पूरी जांच करने और दोषी पाए गए सभी लोगों को दंडित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अस्पताल एनएमसी द्वारा संचालित है, जो बीजेपी के शासन में है। बीजेपी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बीजेपी के मेयर और 3 विधायक कहां हैं?
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