हालात

किसान आंदोलन का 56वां दिन: सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता आज, क्या बनेगी बात?

आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इन दोनों मांगों को लेकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं की आज सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता होगी

फोटो: Getty Images
फोटो: Getty Images 

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के प्रदर्शन का बुधवार को 56वां दिन है। आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। इन दोनों मांगों को लेकर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं की आज (बुधवार) को सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता होगी। यहां विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे से शुरू होने वाली इस बैठक में मंत्री समूह के साथ वार्ता के लिए उन सभी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद होंगे जो पिछली वार्ता में रहे हैं। पंजाब के किसान नेता कृपा सिंह ने बताया कि सरकार के साथ आज होने वाली वार्ता में भी किसानों की वही मांगें होंगी जो पिछली बैठकों में रही हैं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग प्रमुख है और किसान के प्रतिनिधि पहले इस पर ही चर्चा करना चाहेंगे।

Published: undefined

पंजाब के ही किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, पिछली वार्ता में भी सरकार से एमएसपी पर चर्चा करने का आग्रह किया गया था और इस बैठक में भी हम इस पर चर्चा की उम्मीद करते हैं।

Published: undefined

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में सहयोग करने वालों को केंद्रीय एजेंसी एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) द्वारा परेशान करने का मसला पिछली वार्ता में सरकार के सामने रखा गया था, इस पर भी चर्चा होगी।

केंद्र सरकार के साथ 10वें दौर की वार्ता से पहले आंदोलन की रहनुमाई करने वाले किसान नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी और शिव कुमार शर्मा कक्काजी के बीच मतभेद उभरकर सामने आने के संबंध में पूछे गए सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि अब दोनों में एका हो गई है।

उन्होंने कहा कि आंदोलन की अगुवाई करने वाले सभी किसान यूनियन व संगठन एकजुट हैं और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

Published: undefined

उधर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान यूनियनों से नये कृषि कानूनों पर क्लॉज वाइज चर्चा करने का आग्रह किया है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर किसान नेताओं ने कहा कि इतने दिनों से यही चर्चा होती आ रही है और अब बहुत चर्चा हो चुकी है, इसलिए अब वे मुख्य मांग पर चर्चा करना चाहेंगे।

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसान जमे हुए हैं।

Published: undefined

उधर, इन कानूनों पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों की मंगलवार को यहां पहली बैठक हुई। इस बीच किसानों के आंदोलन और नये कृषि कानूनों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और नये कृषि कानूनों पर किसानों की आपत्तियों का समाधान करने के लिए शीर्ष अदालत ने विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान के अलग होने के बाद अब इसमें तीन सदस्य हैं।

कमेटी को किसानों, किसान संगठनों व यूनियनों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देनी हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined