हालात

गुजरात के बनासकांठा में वन भूमि विवाद ने लिया हिंसक रूप, पाडलिया गांव में सरकारी टीम पर हमला, 47 जवान घायल

भीड़ ने सिर्फ पथराव तक सीमित न रहते हुए गोफन, लाठियां और तीर-कमान जैसे हथियारों का भी इस्तेमाल किया। अचानक हुए इस हमले से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सरकारी टीम के पास संभलने तक का मौका नहीं मिला।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

गुजरात के बनासकांठा जिले में हालात उस वक्त अचानक बेकाबू हो गए, जब दांता तालुका के पाडलिया गांव में लंबे समय से चला आ रहा वन विभाग की जमीन का विवाद हिंसा में बदल गया। 13 दिसंबर की दोपहर बाद स्थिति इतनी बिगड़ी कि सरकारी अमला जान बचाकर पीछे हटने को मजबूर हो गया।

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संयुक्त टीम के पहुंचते ही भड़की हिंसा

जानकारी के मुताबिक, वन विभाग, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम सर्वे नंबर 9 की वन विभाग की जमीन पर चल रहे नर्सरी और प्लांटेशन कार्य की निगरानी के लिए मौके पर पहुंची थी। इसी दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां जमा हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि करीब 500 लोगों की भीड़ पहले से तैयार थी और टीम के पहुंचते ही अचानक हमला कर दिया गया।

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पत्थरों के साथ तीर-कमान और लाठियों का इस्तेमाल

भीड़ ने सिर्फ पथराव तक सीमित न रहते हुए गोफन, लाठियां और तीर-कमान जैसे हथियारों का भी इस्तेमाल किया। अचानक हुए इस हमले से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सरकारी टीम के पास संभलने तक का मौका नहीं मिला और चारों तरफ से हमले शुरू हो गए।

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47 अधिकारी और कर्मचारी घायल

इस हिंसक झड़प में पुलिस और वन विभाग के कुल 47 अधिकारी और कर्मचारी घायल हो गए। कई जवानों के सिर, हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। सभी घायलों को तुरंत अंबाजी सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां देर रात तक इलाज चलता रहा।

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पुलिस इंस्पेक्टर की हालत नाजुक

घटना में सबसे गंभीर चोट अंबाजी के पुलिस इंस्पेक्टर आर.बी. गोहिल को लगी। उनके सिर में गहरी चोट आने के बाद हालत बिगड़ गई। प्राथमिक इलाज के बाद एलसीबी की मदद से उन्हें तुरंत पालनपुर रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

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आंसू गैस भी नहीं आई काम

स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन इसका उल्टा असर हुआ। आंसू गैस के बाद भीड़ और ज्यादा उग्र हो गई और हमला और तेज कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस और वन विभाग की टीम को पीछे हटना पड़ा।

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सरकारी गाड़ियों में लगाई आग

उग्र भीड़ ने पुलिस और वन विभाग की कई सरकारी गाड़ियों को भी निशाना बनाया। पहले जमकर पथराव किया गया और फिर वाहनों में आग लगा दी गई। देखते ही देखते कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं। मौके पर धुएं और आग की वजह से माहौल और भयावह हो गया।

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गांव में भारी पुलिस तैनाती

घटना के बाद पाडलिया गांव और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है और पूरे इलाके पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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हमला पूर्व नियोजित होने की आशंका

प्रशासन का कहना है कि यह हमला पूर्व नियोजित प्रतीत होता है। पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। वीडियो फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर हमलावरों की पहचान की जा रही है। अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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