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अमरनाथ गुफा के पास तबाही का मंजर! क्या होता है बादल फटना, कब फटते हैं बादल? पहाड़ों में ही क्यों फटते हैं? जानें

बादल फटना आमतौर पर गरज के साथ होता है। जब काफी नमी वाले बादल एक जगह ठहर जाते हैं तब बादल फटने की घटना होती है। वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में मिल जाती हैं, जिनके भार से बादल का घनत्व काफी बढ़ जाता है और तेज बारिश होने लगती है।

फोटो: @ChinarcorpsIA
फोटो: @ChinarcorpsIA 

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से भारी तबाही मची है। अब तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 40 से ज्यादा लोग लापता हैं। दर्जनों लोग घायल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आखिर बादल फटना क्या होता है? बादल कब फटते हैं? पहाड़ में ही बादल क्यों फटते हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

Published: 09 Jul 2022, 12:20 PM IST

फोटो: @ChinarcorpsIA

बादल फटना क्या होता है?

किसी जगह पर 1 घंटे के भीतर 10 सेमी यानी 100 मिमी से ज्यादा बारिश होती है तो इसे बादल फटना कहते हैं। एक जगह पर एक साथ अचानक बहुत बारिश हो जाना बादल फटना कहलाता है। मॉनसून की गर्म हवाओं के ठंडी हवाओं के संपर्क में आने पर बड़े आकार के बादलों का निर्माण होता है। ऐसा पर्वतीय कारकों के चलते भी होता है। इसलिए हिमालयी क्षेत्रों में बादल फटने की घटनाएं ज्याता होती हैं।

Published: 09 Jul 2022, 12:20 PM IST

फोटो: @ChinarcorpsIA

बादल आखिर कब फटते हैं?

बादल फटना आमतौर पर गरज के साथ होता है। जब काफी नमी वाले बादल एक जगह ठहर जाते हैं तब बादल फटने की घटना होती है। वहां मौजूद पानी की बूंदें आपस में मिल जाती हैं, जिनके भार से बादल का घनत्व काफी बढ़ जाता है और तेज बारिश होने लगती है।

Published: 09 Jul 2022, 12:20 PM IST

फोटो: @ChinarcorpsIA

आखिर पहाड़ों में ही क्यों बादल फटते हैं?

पानी से भरे इन बादलों को पहाड़ों की ऊंचाई आगे नहीं बढने देती। ऐसे में बादल पहाड़ों में फंस जाते हैं। वाष्प से भरे बादलों का एक साथ घनत्व बढ़ जाता है और एक ही क्षेत्र में तेज बारिश होने लगती है। पहाड़ों पर ढलान होने से पानी तेजी से नीचे की तरफ आता है और जो भी चीज उसके रास्ते में आती है उसे वह बहा ले जाता है।

Published: 09 Jul 2022, 12:20 PM IST

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बादल फटने से होने वाले नुकसान को कैसे कम किया जा सकता है?

ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लोगों को घाटियों की बजाय सुरक्षित जगहों को घर बनाना चाहिए। ढलान पर मजबूत जमीन वाले क्षेत्रों में रहना चाहिए। बादल फटने की घटनाओं का पूर्वानुमान नहीं किया जा सकता, लेकिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासन और लोगों को मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट को गंभीरता से लेना चाहिए।

Published: 09 Jul 2022, 12:20 PM IST

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Published: 09 Jul 2022, 12:20 PM IST

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