
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर एक बार फिर सेबी को घेरा है। उन्होंने लिखा, “हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने पिछले साल मोदानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन के गंभीर आरोप लगाए थे। SEBI को 14 अगस्त, 2023 तक इन आरोपों पर एक रिपोर्ट सौंपना था। बार-बार एक्सटेंशन की मांग के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को आज, 3 अप्रैल, 2024 तक का समय दिया था। हमें उम्मीद है कि SEBI आज अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगा। वह चुनाव की तारीख़ से आगे तक समय बढ़ाने के लिए कोई और एक्सटेंशन नहीं मांगेगा।”
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उन्होंने आगे कहा कि SEBI को दूसरा SBI नहीं बनना चाहिए। उसे वही गलती नहीं दोहराना चाहिए। हम यह भी जानते हैं कि SEBI का अधिकार क्षेत्र सीमित है, सिर्फ़ एक JPC ही मोदानी घोटाले की सच्चाई को पूरी तरह से सामने ला सकती है। हम अडानी के हैं कौन (HAHK) श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री से पूछे गए 100 सवालों की श्रृंखला में हमने इसकी अहमियत बताते हुए लगातार JPC की मांग की थी। अगले 3 महीने के बाद JPC एक वास्तविकता होगी।
पिछले साल 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों को अडानी ग्रुप ने झूठा और मनगढंत बताया लेकिन इसके आने के बाद अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा। अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर नीचे आ गए। विपक्षी दलों ने भी इसे लेकर सरकार पर आरोप लगाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी भी गठित कई गई थी।
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