एनसीपी के अध्यक्ष पर से शरद पवार ने इस्तीफा देने की जैसे ही घोषणा की, उसके बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में गहमागहमी मच गई है। उनके इस फैसले से कई एनसीपी के नेता और कार्यकर्ता नाखुश हैं। जिसके बाद एनसीपी में इस्तीफों को झड़ी लग गई है। एक के बाद एक कई पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं। वहीं पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी एनसीपी से अपना इस्तीफा दे दिया है। पार्टी के विधायक अनिल पाटिल ने भी अपना त्यागपत्र शरद पवार को भेज दिया है। कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं।
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एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने एएनआई से बातचीत के दौरान कहा, “मैंने राष्ट्रीय महासचिव के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और मैंने अपना इस्तीफा एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भेज दिया है। पवार साहब की घोषणा (पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के लिए) के बाद ठाणे एनसीपी के सभी पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।”
शरद पवार के इस्तीफे की घोषणा के बाद से ही एनसीपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में बेचैनी हैं। एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शरद पवार से फैसला वापस लगातार मांग कर रहे हैं। एनसीपी के कई पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक शरद पवार अपने रिटायरमेंट के फैसले को नहीं बदलते तब तक हम किसी पद पर काम नहीं करेंगे।
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शरद पवार के एक समर्थक ने उन्हें खून से पत्र लिखकर अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए कहा है। कुछ कार्यकर्ता धरने पर भी बैठ गए हैं।
गौरतलब है कि शरद पवार ने जैसे ही इस्तीफे का ऐलान किया था। कई नेता रो पड़े थे। वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड की आंखों से भी आंसू बहने लगे थे। उन्होंने कहा, 'हमारा जीवन अर्थहीन हो गया है। हमारे सामने बहुत सारी समस्याएं हैं। हम किसके पास जाएं?'
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