
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने पुणे जिले के मालेगांव में मतदाताओं से कहा है कि अगर वे उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को चुनेंगे तो वह सुनिश्चित करेंगे कि शहर के लिए धन की कोई कमी न हो। पवार ने साथ ही कहा कि लेकिन यदि मतदाता उनके उम्मीदवारों को अस्वीकार करते हैं तो वह भी धन मुहैया नहीं कराएंगे। पवार बीजेपी -एनसीपी-शिवसेना की गठबंधन सरकार में वित्त मंत्रालय संभाल रहे हैं।
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष पवार ने शुक्रवार को बारामती तहसील में मालेगांव नगर पंचायत के चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान यह बात कही। उपमुख्यमंत्री ने वोटर्स से कहा, ‘‘अगर आप एनसीपी के सभी 18 उम्मीदवारों को चुनते हैं, तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि धन की कोई कमी न हो। अगर आप सभी 18 उम्मीदवारों को चुनते हैं, तो मैं अपना वादा पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। लेकिन, अगर आप मना करोगे तो मैं भी मना कर दूंगा। आपके पास वोट हैं, मेरे पास विकास कार्य के लिए पैसा है।’’
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इस टिप्पणी की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने अजित पवार पर मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाया है। दानवे ने सवाल किया, ‘‘यह धनराशि आम लोगों द्वारा दिए गए करों से दी जाती है, न कि अजित पवार के घर से। यदि पवार जैसे नेता मतदाताओं को धमका रहे हैं तो निर्वाचन आयोग क्या कर रहा है?’’
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महाराष्ट्र में नगर पंचायतों के चुनाव दो दिसंबर को होने हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और बीजेपी समर्थित पैनल ने मालेगांव में गठबंधन किया है। गौरतलब है कि अजीत पवार पहले भी अपने बयानों और अन्य कामों के चलते विवादों में रहे हैं। हाल ही में पुणे में भूमि घोटाले में अजीत पवार के बेटे पार्थ का नाम आने पर अजीत पवार विवादों में रहे थे। अभी वह मामला खत्म भी नहीं हुआ है कि अब पवार ने मतदाताओं को धमकाकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
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