उत्तर प्रदेश में रामपुर ने सीहोर गांव के एक कुक्कुट पालन केंद्र में संदिग्ध रूप से बर्ड फ्लू संक्रमण के चलते 15 हजार से ज्यादा मुर्गियों की मौत हो गयी। इसके बाद यूपी से लेकर उत्तराखंड तक हड़कंप मचा हुआ है। अब बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड के चंपावत जिले में बाहर से मुर्गी, अंडे और मुर्गी फीड लाने पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी गई है।
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डीएम मनीष कुमार ने इस घटना पर अलर्ट जारी है। बताया कि एहतियात के तौर पर यह निर्णय लिया गया है। संभावित संक्रमण को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आदेश जारी किए गए हैं। तहसील पूर्णागिरि से लगे सभी प्रवेश द्वारों पर उत्तर प्रदेश से आने वाली मुर्गियों, अंडों और उनके फीड पर रोक रहेगी।
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बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए मुर्गी पालकों से पक्षियों की विशेष देखभाल करने की अपील की है। एसपी, डीएफओ, एसडीएम, सीवीओ को आदेश का पालन कराने को कहा गया है।
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वहीं यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणी उद्यान परिसरों को नियमित रूप से ‘सैनेटाइज’ किया जाए, सभी वन्य जीवों और पक्षियों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से हो और उनके आहार की गहन जांच के बाद ही भोजन उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाड़ों में नियुक्त कर्मचारियों की ड्यूटी जोखिम के स्तर को देखते हुए तय की जाए, ताकि सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन हो सके।
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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों को एवियन इंफ्लुएंजा के लक्षण, संक्रमण के तरीके और उससे बचाव के उपायों की विस्तृत जानकारी दी जाए, साथ ही उन्हें पीपीई किट सहित सभी आवश्यक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, जिससे वे सुरक्षित रहकर अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें।
पोल्ट्री सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी पोल्ट्री फार्मों की मानकों के अनुरूप कड़ी निगरानी की जाए और पोल्ट्री उत्पादों के आवागमन पर निरंतर नियंत्रण रखा जाए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को यह भी निर्देश दिया कि एच5 एवियन इंफ्लुएंजा के मानव स्वास्थ्य पर संभावित प्रभावों का गहन अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए, ताकि संक्रमण का कोई प्रकोप मानव समाज तक न पहुंच सके।
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मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नयी दिल्ली, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्यपालन एवं डेयरी विभाग तथा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) सहित अन्य राष्ट्रीय संस्थानों के साथ सतत संवाद बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों से प्राप्त सुझावों का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर, समन्वित और सख्त कार्रवाई ही इस संभावित संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों को आपसी सहयोग और त्वरित सूचना साझा करने के साथ कार्य करना होगा, ताकि प्रदेश के नागरिकों और वन्य जीवों, दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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