
जम्मू कश्मीर सरकार ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाते हुए मंगलवार को यात्रा मार्गों को ‘नो फ्लाइंग जोन’ (उड़ान निषिद्ध क्षेत्र) घोषित किया। अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्री दो मार्ग - पारंपरिक पहलगाम मार्ग और बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश पर जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग द्वारा जारी घोषणा में कहा गया है कि इस क्षेत्र में एक जुलाई से 10 अगस्त तक मानवरहित हवाई यान (यूएवी), ड्रोन, गुब्बारे समेत किसी भी प्रकार के विमानन यंत्र उड़ाना प्रतिबंधित है।
बहरहाल, यह पाबंदी मरीजों को उपचार के लिए विमान से ले जाने, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों द्वारा निगरानी उड़ानों पर लागू नहीं होगी। ऐसे अपवादों के लिए विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया बाद में जारी की जाएगी।
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आदेश में कहा गया है कि 3 जुलाई से शुरू हो रही श्री अमरनाथजी यात्रा के मद्देनजर यात्रा के सुचारू एवं शांतिपूर्ण संचालन के लिए विभिन्न सुरक्षा बंदोबस्त किए जा रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सलाह दी है कि श्री अमरनाथजी यात्रा के पूरे मार्ग को एक जुलाई से 10 अगस्त तक ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया जाए।
आदेश में कहा गया है, ‘‘इसलिए, श्री अमरनाथजी यात्रा, 2025 के दौरान मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यात्रा के सभी मार्गों को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित किया जाता है, जिसमें पहलगाम और बालटाल दोनों मार्ग शामिल हैं।’’
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा उपाय बढ़ाए गए हैं। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी। अमरनाथ यात्रा में हर साल देशभर से हजारों तीर्थयात्री शामिल होते हैं।
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