खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है, जबकि उसके एक अन्य सहयोगी को सोमवार को असम लाया गया और डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा गया। अब यहां बंद होने वाले 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों की संख्या आठ हो गई। सूत्रों के मुताबिक, पंजाब पुलिस की एक टीम सहयोगी वरिंदर सिंह के साथ सोमवार को डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी हवाईअड्डे पर गई, जहां असम के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच उसे डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले गई।
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असम पुलिस ने अभी तक अमृतपाल के नवीनतम सहयोगी की पहचान के बारे में आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इससे पहले अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह समेत सात अन्य को पिछले एक सप्ताह में डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था। इस बीच जेल के चारों ओर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
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जेल की बाहरी परिधि को सुरक्षित करने का कार्य असम पुलिस कमांडो के ब्लैक पैंथर के एक समूह को आवंटित किया गया है, जबकि आंतरिक सुरक्षा सीआरपीएफ, असम पुलिस और जेल प्रहरियों के सदस्यों द्वारा संभाली गई है। जेल की बाहरी सीमा पर सीसीटीवी लगाये गये हैं।
डिब्रूगढ़ पहुंचे सभी 'वारिस पंजाब दे' संगठन के सदस्यों पर एनएसए लगाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इसे देखते हुए उन्हें अलग सुरक्षा व्यवस्था में रखा गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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