समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) से बड़ी राहत मिली है। रामपुर की कोर्ट ने उनको भड़काऊ भाषण देने के आरोप से बरी करते हुए मामले में सजा के आदेश को खारिज कर दिया है। यह वही भड़काऊ भाषण का मामला है, जिसमें तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान की रामपुर से विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
रामपुर की निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद आजम खां की तरफ से इसके खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की गई थी। आजम खान के वकील विनोद शर्मा ने बताया कि यह 185/2019 क्राइम नंबर का मुकदमा था जिसकी हमने अपील की थी जिसमें हमें लोअर कोर्ट से कन्विक्शन हो गया था। आज अपील पर कोर्ट ने फैसले में कहा है कि निचली अदालत का आदेश गलत था।
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वकील विनोद शर्मा ने कहा कि हेट स्पीच मामले में जितने भी सेक्शन थे, उन सब में हमें बाइज्जत बरी कर दिया है और हमें खुशी है कि हमें इंसाफ मिल गया है। शर्मा ने कहा कि आज न्यायालय ने हमें दोषमुक्त किया है। अभियोजन अपना केस साबित नहीं कर पाया और हमें झूठा फंसाया गया। हमारी बात मानी गई और अपील हमारे फेवर में गई है और अब दोषमुक्त कर दिया है।
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आजम को इस मामले में एमपी-एमएलए (मजिस्ट्रेट ट्रायल) की कोर्ट ने 27 अक्तूबर 2022 को तीन साल सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई थी। सजा के खिलाफ आजम खां ने सेशन कोर्ट में अपील की थी। बुधवार को मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आजम खां को नफरती भाषण देने के आरोप से मुक्त कर दिया। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने इस मामले में 70 पेज में अपना फैसला सुनाया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले का उल्लेख किया गया है।
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सेशन कोर्ट के फैसले से आजम खां को बड़ी राहत तो मिल गई है, लेकिन उनकी विधायकी बहाल होने पर अभी भी संदेह है। क्योंकि छजलैट प्रकरण के मुकदमे में भी मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अब्दुल्ला आजम खां की विधायकी भी चली गई थी। ऐसे में इस बात पर संदेह है कि हेट स्पीच मामले में बरी होने के बावजूद उनकी विधायकी बहाल हो पाएगी या नहीं।
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गौरतलब हो कि हेट स्पीच से जुड़ा यह मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है। कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी। इसकी शिकायत बीजेपी नेता और रामपुर सीट से मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी। इसी मामले में रामपुर कोर्ट ने आजम को दोषी ठहराया था। पिछले साल 27 अक्टूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस सजा के आधार पर आजम खान की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
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