भीम आर्मी इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों में सक्रिय हिस्सा लेगी और इसके नेता चंद्रशेखर अपने तौर पर इसमें अपनी भागीदारी निभाएंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों में जबरदस्त लोकप्रिय चंद्रशेखर ने ऐलान किया है कि भीम आर्मी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए काम करेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में एसपी-बीएसपी गठबंधन का स्वागत करते हुए कहा कि अगर बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर उनका भाई भी मैदान में होगा तो वे उसे हराने के लिए काम करेंगे।
सहारनपुर के रविदास आश्रम में चंद्रशेखर ने कहा कि अगर कोई दलित भाई भी बीजेपी से चुनाव लड़ने आ जाए तो समाज यह कहकर उसे वोट न दे कि ‘तुम भाई तो हमारे हो मगर बीजेपी को हम वोट नही देंगे।‘ चंद्रशेखर ने खुद के चुनाव लड़ने की संभावना से साफ इनकार किया और अपनी बात को जोर देकर कहा कि ‘बीजेपी को हराना है।‘
चंद्रशेखर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि, “वो कहते हैं कि उनके राज में कोई दंगा नहीं हुआ, जबकि खुद उनका नाम 23 दंगो में शामिल है।“ चन्द्रशेखर ने मोदी सरकार सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण की आलोचना की और कहा कि ‘दलित समाज इससे बेइंतहा दुखी है।‘
भीम आर्मी ने रविवार को भीम शालाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों का सम्मान किया। यह पाठशालाएं बीते एक साल से चलाई जा रही हैं। रविदास आश्रम में चन्द्रशेखर के जेल से आने के बाद यह पहली रैली थी, जिसमे हजारों की संख्या में दलित नोजवानों ने हिस्सा लिया।
रैली में शामिल होने मुजफ्फरनगर से सहारनपुर पहुंचे युवक नितिन जाटव ने कहा, "चन्द्रशेखर भाई राजनीतिक तौर पर परिपक्व हो गए हैं, वो जानते है कि समाज का हित किधर है! बीजेपी के आने से दलितों का जीवन अधिक कष्टमय हो जाएगा। वो यह समझते हैं कि हाल फिलहाल दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं यह सिद्ध भी करती हैं। हम चन्द्रशेखर भाई के बीजेपी हराओ अभियान के लिए काम करेंगे।“
चन्द्रशेखर ने कई मंचों पर स्पष्ट किया था कि वो दलितों में नेतृत्व का सवाल नहीं खड़ा करना चाहते, बल्कि कांशीराम जी के आदर्शों पर चलना चाहते हैं। वो बीएसपी सुप्रीमो मायावती को देश का प्रधानमंत्री बनते देखने की अभिलाषा रखते है और उनको पीएम बनाने के लिए ही वो प्रयत्न करेंगे।
सहारनपुर में भीम आर्मी की इस रैली में शिरकत करने आए ब्रह्मपाल जाटव (52) ने बताया, "समाज मे राजनीतिक स्वीकृति सिर्फ मायावती जी की है,चन्द्रशेखर की युवाओं में लोकप्रियता है इससे इंकार नही किया जा रहा मगर दलित युवाओं में राजनीतिक चेतना भी है और वो जानता है सिर्फ यही मौका है जब दलित की बेटी प्रधानमंत्री बन सकती है, इसलिए चन्द्रशेखर भी "बहनजी फ़ॉर पीएम'" मुहिम के साथ खड़े है
सहारनपुर में आयोजित की गई इस रैली में पिछले साल दलित ठाकुर संघर्ष में प्रभावित तमाम दलित शामिल हुए और उन्होंने अपने दर्द भी साझे किए। शब्बीरपुर के राजू जाटव ने कहा कि उन्हें अब रात में नींद में नहीं आती है और वोट की ताकत का इस्तेमाल कर अपने साथ उत्पीड़न करने वालों को
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