
भारतीय नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल की सफल फायरिंग की है। नौसेना ने बुधवार 1 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस की यह फायरिंग की। नेवी के कई डिस्ट्रॉयर्स पर ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की गई है। नौसेना के नीलगिरी, शिवालिक और तलवार क्लास के फ्रिगेट में भी ब्रह्मोस मिसाइल तैनात है। नौसेना ने बुधवार को किए गए परीक्षण से जुड़ी एक तस्वीर भी जारी की है।
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रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। इसका नाम ब्रह्मपुत्र और मॉस्कवा नदियों के नाम को मिलाकर रखा गया है। यह मिसाइल जल, थल से लेकर नभ तक मार कर सकती है।
गौरतलब है कि हाल ही में भारतीय नौसेना को गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रोयर वाला तीसरा स्टील्थ विध्वंसक युद्धपोत सौंपा गया है। शुक्रवार 20 अक्टूबर को सौंपा गया यह युद्धपोत सरफेस टू सरफेस सुपरसोनिक ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल और मीडियम रेंज सरफेस टू एयर ‘बराक-8’ मिसाइल से लैस है। ब्रह्मोस मिसाइल से लैस इस युद्धपोत में पानी के अंदर युद्ध करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एंटी-सबमरीन वेपन और सेंसर, मुख्य रूप से हल माउनटेड सोनार हुमसा एनजी, हेवी वेट टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर फिट किया गया है।
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रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पोत का निर्माण स्वदेशी इस्पात (स्टील) डीएमआर 249ए से किया गया। यह भारत के सबसे बड़े विध्वंसकों में एक है। इसकी कुल लंबाई 164 मीटर और विस्थापन क्षमता 7500 टन से अधिक की है। यह जहाज एक शक्तिशाली प्लेटफ़ार्म है जो समुद्री युद्ध के पूर्ण स्पेक्ट्रम में फैले विभिन्न प्रकार के कार्यों और मिशनों को पूरा करने में सक्षम है।
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