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बिहारः पीएम मोदी को मोतिहारी रैली में दिखाए गए काले झंडे, पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया

कांग्रेस और उसकी सहयोगी आरजेडी ने घटना का वीडियो फुटेज साझा करते हुए कहा कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री के झूठे वादों से तंग आ चुकी है।

पीएम मोदी को मोतिहारी रैली में दिखाए गए काले झंडे, पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया
पीएम मोदी को मोतिहारी रैली में दिखाए गए काले झंडे, पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया फोटोः सोशल मीडिया

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में उन्हें काले झंडे दिखाने का मामला सामने आया है। रैली में पीएम मोदी के भाषण के दौरान काला कपड़ा लहराने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस तीनों युवकों से पूछताछ कर रही है। बिहार कांग्रेस ने घटना का वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए कहा, "बापू की कर्मभूमि पर मोदी का विरोध, भाषण के दौरान लोगों ने दिखाया काला झंडा।"

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वहीं कांग्रेस की सहयोगी आरजेडी ने घटना का वीडियो फुटेज साझा करते हुए कहा कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री के झूठे वादों से तंग आ चुकी है। आरजेडी ने एक्स पर लिखा, "मोतिहारी में प्रधानमंत्री मोदी की रैली में उन्हें काले झंडे दिखाए गए! 20 साल से बिहार में युवाओं के हितों की भारी अनदेखी हो रही है, 80% युवा बेरोजगार हैं, उनके पास आय और रोजगार के पर्याप्त साधन-संसाधन नहीं हैं! इसके बावजूद निकम्मी सरकार का ध्यान केवल बिहारवासियों को झूठे वादों से भ्रमित कर कुर्सी हथियाने और इसके लिए गरीब बिहारवासियों का मतदान करने का अधिकार छीनने पर ही है!"

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वहीं चंपारण क्षेत्र के डीआईजी हरकिशोर राय के अनुसार, तीनों से पूछताछ की जा रही है और पूछताछ में जो भी सामने आएगा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। राय ने बताया, ‘‘हां, रैली स्थल पर तीन लोगों को काले कपड़े के टुकड़े ले जाते हुए पकड़ा गया। हम इस बात की जांच करेंगे कि उन्होंने किस तरह का व्यवधान पैदा किया होगा। आगे की कार्रवाई इन बातों को ध्यान में रखकर की जाएगी।’’

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पूर्वी चंपारण के एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा, ‘‘अब तक हमें यही पता चला है कि तीनों लोग क्षेत्र में चीनी उद्योग की ओर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे।’’ टाउन थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर राजीव रंजन ने कहा कि हिरासत में लिए गए लोग जितेंद्र तिवारी, विक्रांत गौतम और रविकांत रवि जिले के अलग-अलग हिस्सों के निवासी हैं।

कई मीडिया संस्थानों ने तीनों द्वारा मचाए गए हंगामे का कथित वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्हें काले झंडे लहराते हुए देखा जा सकता है। वीडियो फुटेज में कई क्षतिग्रस्त प्लास्टिक की कुर्सियां भी देखी जा सकती है। पुलिस अधिकारियों ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है।

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