बिहार के कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। यह उपचुनाव जहां महागठबंधन और बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन चुकी है वहीं छोटे दल चुनावी मैदान में उतर कर लड़ाई को दिलचस्प बना दी है।
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इस उपचुनाव को जीतने के लिए सभी दल के नेता चुनावी प्रचार में उतर चुके हैं और जनसंपर्क तेज हो गया। चुनाव प्रचार में आने वाले सभी नेताओं को उनकी जाति देखकर उनके जाति बहुल इलाके में जनसंपर्क के लिए भेजा जा रहा है, जिससे उन जाति मतदाताओं को साधा जा सके।
इस उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) की ओर से भूमिहार जाति से आने वाले नीलाभ कुमार को उतार देने से सवर्ण मतदाताओं की पूछ बढ़ गई है। ऐसे भी कुढ़नी में सवर्ण मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते आ रहे है।
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जेडीयू और बीजेपी की ओर से भूमिहार जाति के भी कई नेता क्षेत्र के लोगों से संपर्क करने में जुटे है। जेडीयू की ओर से विधायक पंकज मिश्र और सहित मंत्री विजय चौधरी सहित कई अन्य नेताओं को जनसंपर्क में उतार दिया है तो बीजेपी भी इस सीट को महागठबंधन से छीनने के लिए हर उपाय कर रही है।
बीजेपी ने भूमिहार जाति के वोटरों को प्रभावित करने के लिए राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर के अलावा जिला स्तर से लेकर प्रदेश के नेता भी लगातार कैंप किये हुए हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल भी लगातार जनसंपर्क अभियान में जुटे हुए हैं।
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गौरतलब है कि बीजेपी का वोट बैंक सवर्ण मतदाताओं को माना जाता रहा है। बीजेपी को विश्वास है कि सवर्ण मतदाता उसके साथ बने रहेंगे। हालांकि यह भी तय माना जा रहा है कि वीआईपी के नीलाभ कुमार कुछ सवर्ण मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में जरूर सफल होंगे। ऐसे में बीजेपी की बेचैनी बढ़ गई है और अन्य मतदाताओं पर भी टिकी हुई है।
बहरहाल, अब देखना यह है कि कौन कितना अपने जमात के वोट को अपने प्रत्याशियों के पक्ष में करने में सक्षम हो पाते हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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